लाइव सिटीज, पटना: बिहार में जाति आधारित गणना पर अंतरिम रोक लगाने के पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बिहार सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। नीतीश सरकार की याचिका पर सर्वोच्च अदालत में बुधवार को ही सुनवाई होने वाली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसके कारण सुनलाई टाल दी गई। अब गुरुवार को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
पटना हाईकोर्ट के 4 मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदाल… में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जाति आधारित डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है।
संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगा। अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय में नियुक्ति के संबंध में सभी के लिए समान अवसर होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने बुधवार को बिहार सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें जातीय गणना पर रोक लगाने के पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। जस्टिस करोल को 6 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था। उससे पहले, वह पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे थे। जस्टिस करोल ने कहा कि वह जातिगत गणना से जुड़े मुकदमों में पक्षकार थे, जिन पर पहले हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी।