लाइव सिटीज, पटना: बिहार में बेरोजगारी और गरीबी की समस्या कई दशकों से जारी है. हर साल हजारों हजार लोग रोजी रोटी की तलाश में देश के दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करते हैं. चुनाव के दौरान हर बार रोजगार को लेकर सभी दल के नेता युवाओं को सुनहरे सपने दिखाते हैं. किंतु बाद में यह एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का मामला बन कर जाता है. बिहार की राजनीति में भी एक दल दूसरे दल से रोजगार का हिसाब मांगते नजर आते हैं
संजय जायसवाल ने तेजस्वी के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सबसे ज्यादा पढ़े लिखे तेजस्वी यादव ही हैं. भाजपा के समय की नौकरियों के नियुक्ति पत्र अभी दोबारा बांट कर गिनती करा रहें हैं.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि बीजेपी को गिनती नहीं आती है. यही वजह है कि पार्टी के नेता अनर्गल बयानबाजी करते हैं. अब इस बयान पर संजय जायसवाल ने तीखा हमला करते हुए कहा है कि सबसे ज्यादा गिनती तेजस्वी यादव को आती है ? सबसे ज्यादा पढ़े लिखे वहीं हैं ?
बता दें कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार का हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा था. 8 सालों में 16 करोड़ में कितने रोजगार दिए हैं बतायें. गुजरात का चुनाव है और ये लोग जुमले बोलते रहते हैं. अमित शाह ने भी जुमल कहा था. जो लोग हमसे हिसाब मांग रहे हैं. खासकर के रोजगार को लेकर वह खुद क्या किए हैं. यह बिहार की जनता देख रही है उन्हें खुद के किए कामों के बारे में जनता को बताना चाहिए. तेजस्वी के इसी बयान पर बीजेपी नेता ने पलटवार किया है.