लाइव सिटीज, पटना: बिहार में चौथे कृषि रोड मैप 2023 की शुरूआत हो गई है. राजधानी के बापू सभागार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्जवलित कर इसका शुभारंभ किया. इस मौके पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे,कृषि,सहकारिता, उद्योग, वन एवं पर्यावरण समेत इससे जुड़े 12 विभागों के मंत्री,अफसर मौजूद हैं. इसके अलावे बड़ी संख्या में किसान,कृषि वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में मौजूद हैं. चौथे कृषि रोड मैप में 12 विभागों को रखा गया है. इस कृषि रोड मैप की अवधि 2028 तक होगी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बिहार के पड़ोसी राज्य झारखण्ड के राज्यपाल का दायित्व करीब 6 सालों तक निर्वहन किया। इस दौरान मैंने बिहार की संस्कृति और जीवनशैली को करीब से जाना और महसूस किया। मेरा गृह राज्य ओडिशा भी ऐतिहासिक रूप से बिहार से जुड़ा हुआ है। मुझे लगता है कि मैं भी अपने आप को बिहारी कह सकती हूं। राष्ट्रपति के इतना कहने पर ही सभागार में जोरदार तालियों से उनका अभिनंदन किया गया।
उन्होंने कहा कि कृषि बिहार की संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। बटोहिया, विदेशिया से लेकर कटनी और रोपनी गीतों ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनायी है। मैंने सूरीनाम की अपनी यात्रा के दौरान वहां पुरातन बिहार की झलक देखी है। वहां आज भी लोग बिहारी परंपरा को संजोए रखा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। हम सब जानते हैं कि मानव सभ्यता के विकास और कृषि के बीच घनिष्ठ संबंध रहा है। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था का आधार है। बिहार की उन्नति के लिए कृषि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास अनिवार्य है।