लाइव सिटीज, पटना: बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का अब तीन बार चेहरे और अंगुलियों का बायोमेट्रिक मिलान होगा। परीक्षा में पारदर्शिता लाने और धांधली रोकने के लिए केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने यह बदलाव किया है। पर्षद के अध्यक्ष एसके सिंघल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में परीक्षा आयोजन में होने वाले तकनीकी बदलावों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि परीक्षा में नकल कैसे रोकी जाए और पारदर्शिता कैसे बढ़े, इसको लेकर उत्तर प्रदेश भर्ती बोर्ड के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। इसमें एक-दूसरे राज्य की बेहतर तकनीकों को अपनाने पर विचार-विमर्श हुआ।
अभी तक सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों के सिर्फ अंगूठे के निशान के जरिए बायोमेट्रिक जांच की जाती थी। मगर अब चेहरे की पहचान यानी फेस रिकग्निशन भी किया जाएगा। यह तीन बार होगा। पहली बार लिखित परीक्षा के समय, दूसरी बार पीटी के बाद और फिर अभ्यर्थी के नौकरी ज्वाइन करने के समय।
एसके सिंघल ने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षाओं की तरह जैमर और सीसीटीवी कैमरों का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा। अभी प्रतियोगी परीक्षाओं के समय हर कमरे में कम पावर के जैमर का इस्तेमाल किया जाता है, इसके बावजूद कई बार सिग्नल का इस्तेमाल कर गड़बड़ी की जाती है। जैमर और कैमरे का इस्तेमाल कैसे किया जाए कि हर अभ्यर्थी की गतिविधि पर नजर रखी जा सके, इस पर भी काम किया जा रहा है