लाइव सिटीज, पटना: वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर बिहार सरकार भी सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। यह सक्रियता कुछ अलग है। ऐसी बात नहीं है कि सरकार यह जांच कराने जा रही है कि वक्फ बोर्ड के पास कौन सी जमीन कैसे आ गई। दरअसल, सरकार को खबर मिली है कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर बहुत सारे लोग अवैध कब्जा कर लिए हैं और वर्षों से रह रहे हैं।
इतना ही नहीं, अल्पसंख्यक विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि कुछ माफिया वक्फ बोर्ड की जमीन की अवैध रूप से खरीद बिक्री भी किए हैं और इस जुगत में लगे भी हुए हैं। सरकार इसकी जांच का निर्णय ली है कि कितने लोग वक्फ की कितनी जमीन को अवैध कब्जा किए हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर उनसे जमीन को मुक्त कराया जाएगा
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमा खान ने कहा कि शिया एवं सुन्नी वक्फ बोर्ड दोनों की संपत्तियों के दुरुपयोग की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। मंत्री जमा खान ने सोमवार को सूचना भवन, पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर उक्त आशय की जानकारी दी। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, मदरसों का आधुनिकीकरण, उर्दू के विकास एवं अल्पसंख्यक संस्थाओं को सक्षम बनाने के लिए तेजी से काम हो रहा है। मदरसा के खाली पदों पर बहाली होगी।
जमा खान ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत इंटर परीक्षा में प्रथम से उत्तीर्ण मुस्लिम छात्राओं को 15 हजार रुपये देने प्रावधान है। राज्य सरकार यह प्रावधान 2014 में ही लागू की थी। कहा कि सभी जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का संचालन करने की योजना पर काम किया जा रहा है। हर जिला में एक स्कूल खोलने की योजना है। एक स्कूल पर लगभग 55 करोड़ की लागत आएगी। 2024-25 में नालंदा, जमुई और कैमूर जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गयी है। पटना समेत कई जिलों भूमि चिह्नित कर ली गई है।