लाइव सिटीज, पटना: बिहार के विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी में काफी तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला. दरअसल, पहले सीएम नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी पर हमला करते हुए उन्हें एक अयोग्य सीएम बता दिया था. इसी के साथ कहा था कि मांझी को सीएम बनाना उनकी भूल थी. इसके बाद से ही मांझी और नीतीश कुमार के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया, जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा. जहां मांझी ने नीतीश द्वारा सीएम बनाए जाने को यह बता दिया कि वह बस उनसे वैसा कराना चाहते थे, जो वह चाहते थे. जिस वजह से बाद में जब उन्होंने उनकी नहीं सुनी तो मांझी को सीएम पद से भी हटा दिया गया.
नीतीश कुमार के बयान के बाद मांझी ने पहले गांधी मैदान में जाकर उनके खिलाफ आंदोलन करना चाहा, लेकिन प्रशासन ने आंदोलन की अनुमति नहीं दी. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर पर नीतीश के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी थी. वहीं, अब जीतन राम विधानसभा में हुए अपमान को लेकर मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे और धरना देने बैठ गए. इस धरना में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन भी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार मांझी धरने के बाद राजघाट भी जाएंगे. इसके अलावा मांझी ने देश के कई दलित संगठनों के साथ मिलकर नीतीश कुमार के खिलाफ दलित और महिला स्वाभिमान सभा का आयोजन किया है.
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर भी मांझी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं और उन्होंने इसके जरिए बिहार की राजनीति में होने वाले बदलाव का भी संकेत दिया है. दरअसल मांझी ने ट्वीट कर लिखा कि अभी नीतीश कुमार जी अपने सांसद से कहलवा रहें हैं कि “मोदी है तो मुमकिन है,मोदी है तो गारंटी है”. कुछ दिन के बाद खुद नीतीश कुमार कहेंगें कि “मोदी है तो ही नीतीश हैं, मोदी हैं तो सब कुछ मुमकिन है”. “जल्द होगा बड़ा बदलाव,बिहार भी चलेगा मोदी के साथ”.