लाइव सिटीज, पटना: बिहार की सरकार जमीन से जुड़े विवादों के निबटारे के लिए सर्वे कराने जा रही है. सर्वे के ऐलान के बाद से ही लोगों में इसको लेकर संशय की स्थिति है. सूबे में 20 अगस्त से शुरू होने जा रहे इस जमीन सर्वे को लेकर लोगों के मन कई तरह के सवाल हैं. आइए जानते हैं कि यह सर्वे किस तरह से किया जाएगा.
इस प्रक्रिया में किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. इसके साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कौन सा फॉर्म भरना है, सर्वे टीम को क्या दिखाना होगा और अगर जमीन दादा-परदादा के नाम पर है, तो क्या होगा.जमीन के सर्वे के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, इस दौरान इन नियमों को पालन करना होगा. वहीं, सर्वे के वक्त कुछ कागजात तैयार रखने होंगे, जिस इस तरह हैं.
- जमीन की रसीद (किसी के भी नाम हो)
- रजिस्ट्री की कॉपी
- जमीन का नक्शा
- जमीन के लिए सेल्फ डेक्लेरेशन पत्र देना होगा.
- मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि/मृत्यु प्रमाण पत्र
- जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी रसीद संख्या वर्ष के साथ
- खतियान का नकल (यदि उपलब्ध हो)
- दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेजों की विवरणी
- अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो आदेश की ओरिजिनल कॉपी
- आवेदनकर्ता या हित अर्जन करने वाले का यानी मृतक का वारिस के संबंध में प्रमाण पत्र (आप सही वारिस हैं, आप ही के नाम पर जमीन होनी चाहिए. उसके लिए प्रमाण पत्र देना है.)
- आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी
- आवेदनकर्ता के वोटर आईडी कार्ड की कॉपी
जमीन की रसीद, रजिस्ट्री, नक्शा औऱ डेक्लेरेशन पत्र का सैंपल जैसे डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन भी निकाले जा सकते हैं. वहीं, जिले में लगे शिविर में जाकर ऑफलाइन भी ये सारे काम करवाए जा सकते हैं. आवेदन के रूप में फॉर्म भरने पर इन कागजातों को अटैच करना होगा.