लाइव सिटीज, पटना: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है. इसी बीच केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. इस पत्र को लेकर अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की प्रतिक्रिया आई है. ललन सिंह का कहना है कि, ”लेटर लिखने से क्या होगा? बिहार में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है, यहां ये सब नहीं चलेगा.”
वहीं विशेष राज्य के दर्जा को लेकर सुशील मोदी के ट्वीट पर भी ललन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि, ”मरा हुआ घोड़ा किसको कह रहे हैं, विशेष राज्य का दर्जा बिहार की आवश्यकता है और जब आवश्यकता है तो वह मरा हुआ घोड़ा हो गया. अगर वह ऐसा कह रहे हैं तो यह बिहार के प्रति उनके नजरिये को दर्शाता है.
इसके साथ ही आगे ललन सिंह ने ये भी कहा कि, ”बिहार में खनिज और खदान नहीं है तो उद्योग स्थापित हो नहीं सकता.” साथ ही ललन सिंह ने कहा कि, ”वे बार-बार पैकेज की बात करते हैं, आखिर कौन सा पैकेज दिया है ? केंद्र सरकार प्रयास करती है कि जो बिहार सरकार की योजना है उसमें कुछ योगदान दे दें और उसे अपनी योजना साबित कर दें.”
साथ ही आगे ललन सिंह ने ये भी कहा कि, ”रघुराम राजन समिति का गठन किसने किया, क्या इसका गठन केंद्र सरकार ने किया था ? समिति ने अपनी रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन की चर्चा की है और अन्य राज्यों की भी चर्चा की है, इसलिए उन राज्यों को भी मिलना चाहिए. अगर कोई राज्य पिछड़ा है और उसे विकसित राज्य के बराबर नहीं लाया गया तो भारत कैसे विकसित होगा?’
आपको बता दें कि साथ ही ललन सिंह ने आगे कहा कि, ”बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और हम इसके लिए आंदोलन करेंगे.” वहीं ललन सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए ऐसा कौन सा काम किया है जो वह नीतीश कुमार को महिला सशक्तिकरण का पाठ पढ़ा रहे हैं? बिहार पहला राज्य था जिसने महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकायों में आरक्षण दिया. बिहार पहला राज्य था जिसने महिलाओं को बिहार पुलिस में 33% आरक्षण दिया.