लाइव, सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार में महागठबंधन की सरकार अभी लगभग 6 महीने का समय ही हुआ है। लेकिन अब महागठबंधन की गाठें कमजोर होती हुई दिख रही हैं। सियासी नजरिये से देखे तो राजद और जेडीयू के बीच सबकुछ सही नहीं चला रहा है। दोनों ही पार्टियों के बयानवीरों महागठबंधन की गणत को कमजोर करने की कोई कोर-कसार नहीं छोड़ रहे हैं। दोनों पार्टियों के बीच ट्विटर वार भी शुरू हो गया है। जिसमें राजद के नेता बिहार के विकास के लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यदाव के पक्ष में कसीदें पढ़ रहे हैं, वहीं जेडीयू के नेता जवाब राजद की शासनकाल से तुलना कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करा रहे है।
बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी बीते दिन झारखंड की राजधानी राँची में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कई बड़ी बातें कही। तेजस्वी यादव को फिलहाल मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात को वो नकारते हुए दिखे। साथ ही 2025 में तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने के सवाल को लेकर भी उन्होंने घुमाओ दार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें राँची से बिहार वापस जाना है अब वो बिहार पहुंच पाएंगे या नहीं ये कोई नहीं जनता है। ऐसे में 2025 में क्या होगा इसको लेकर अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। उनके बयान का सीधा मतलब है कि 2025 में महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी करेंगे या नहीं ये अभी संदेह के घेरे में है।
वही नीतीश कुमार के पुन: भाजपा के साथ जाकर सरकार बनने के सवाल पर भी मंत्री अशोक चौधरी सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बचते दिखे। उन्होंने जवाब में नीतीश कुमार के सर्मथन में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार किसी की कृपा से नहीं बल्कि अपनी काबिलियत से मुख्यमंत्री बने हैं। अपनी कार्यशैली और कार्यप्रणाली के दम पर वो आज तक मुख्यमंत्री हैं। नीतीश कुमार का व्यक्तित्व ही ऐसा है कि वो भजपा के साथ हो या राजद के साथ दोनों ही उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करते हैं।