लाइव सिटीज , जमुई : बिहार में केके पाठक जबसे शिक्षा का डोर अपने हाथों में लिए है. पुरे बिहार में शिक्षा को लेकर काफी बदलाव हुआ है. इसके बावजूद जमुई में एक स्कूल भगवान भरोसे चलता है. जहां बच्चे क्लास रूम में जाने से पहले अपनी सलामती के लिए दुआ मांगते हैं. बताया जाता है कि बच्चें सुबह स्कूल पहुंचने से पहले मंदिर जाते हैं और माथा टेकते हैं. उसके बाद क्लास रूम में दाखिल होते है . इसके बाद बच्चों की पढ़ाई शुरू होती है.
ये सब जानकर आप चौंक गए होंगे लेकिन मामला बरहट प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय नुमर का है. जहां के बच्चें जर्जर भवन में पढ़ते हैं. जिससे बच्चों को डर लगा रहता है कि कहीं छत का टुकड़ा टूट कर न गिर जाए. जिस वजह से बच्चें अपनी सुरक्षा के लिए हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान के सामने माथा टेककर सलामती की दुआ मांगते हैं. बता दें कि स्कूल की दीवारों में बड़ी-बड़ी कई दरारें हैं. क्लास रूम के अंदर से आसमान साफ दिखाई देता है. वहीं बच्चों ने बताया कि विद्यालय में पहले हादसा हो चुका है. बच्चों ने बताया कि एक बार सरिता मैडम हमें पढ़ा रही थी, तभी छत का एक टुकड़ा उन पर गिर गया था. इससे उन्हें चोट लग गई थी. हालांकि इसके बाद से हमलोग हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान से प्रार्थना करते हैं.
वहीं स्कूल प्रभारी अर्चना कुमारी ने बताया कि बिल्डिंग की स्थिति बहुत खराब है, कब गिर जाए इसका कोई ठिकाना नहीं है. साथ ही कहा कि मैं इसकी सुचना विभाग को कई बार दे चुकी हूँ . लेकिन सिर्फ आश्वासन मिलता है पर कोई प्रगति नहीं है. साथ ही कहा कि पूर्व में एक बार शिक्षिका सरिता कुमारी पर छत का टुकड़ा गिर गया था. जिसके बाद अधिकारी आए और निरीक्षण भी किए साथ में आश्वासन भी दिए लेकिन कोई काम नहीं हुआ.
साथ ही इस स्कूल की खास बात यह है कि परिसर के बिच में ही मंदिर बना हुआ है. उसी मंदिर में बच्चे सलामती के लिए माथा टेकते हैं. और फिर क्लास में जाते है. उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय में 1 से 8 तक के बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय में 213 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में 6 शिक्षक हैं, जिसमें 5 महिला हैं. बच्चों के अभिभावक भी समय-समय पर आकर अपने बच्चों को देखते हैं.