लाइव सिटीज, पटना: आरक्षण संशोधन बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने के बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्विटर हैंडल) पर चुटकी लेते हुए सीएम नीतीश कुमार से राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने की मांग की है.
जीतन राम मांझी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “बिहार में आरक्षण बढ़ाने के बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. उम्मीद है आज से ही सीएम नीतीश कुमार वर्तमान राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति की आबादी के अनुरूप नए मंत्रिपरिषद का गठन करेंगे”. आगे उन्होंने लिखा है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, मिलेगी उसको उतनी हिस्सेदारी. सभी जातियों को मिलेगी सरकार में जिम्मेदारी.
जीतनराम मांझी जाति की हिस्सेदारी के आधार पर लगातार मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल बर्खास्त करने की मांग करते रहे हैं. 2 अक्टूबर को जब जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया गया था. उस समय भी जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार से मंत्रिमंडल बर्खास्त करने की मांग की थी. उस समय भी पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जाति की आबादी के आधार पर नए मंत्रिमंडल का गठन करने और वर्तमान कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग की थी.
बिहार में आरक्षण बढ़ाने वाले बिल पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही अब बिहाल में आरक्षण बढ़कर 60 प्रतिशत से 75 प्रतिशत हो गया है. दरअसल, बिहार में जातीय सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही आरक्षण का दायरा भी बढ़ाने की घोषणा की गई थी. आरक्षण में संशोधन के बाद ईबीसी आरक्षण 18 से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया है. वहीं बीसी का कोटा 12 से बढ़कर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. एससी के लिए आरक्षण को 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं एसटी का आरक्षण एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है.