लाइव सिटीज, पटना: स्कूल के साथ ही अब कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का डंडा चला है.निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 192 शिक्षक और 162 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है,क्योंकि कॉलेज में अनुपस्थित पाए जाने के बाद इन्हें विभाग से स्पष्टीकरण पूछा गया था,जिसका जवाब इन्हौने नहीं दिया.इसलिए विभाग ने इन सभी शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सेवा से मुक्त करने की प्रकिया शुरू की गई है.
इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमार ने आदेश जारी किया है.इस आदेश मे कहा गया है कि इन सभी की सेवा मुक्त करने की कार्रवाई कर 30 दिन के अंदर सूचित करें.वहीं उच्च शिक्षा निदेशालय ने इनकी वेतन मद से बतौर अनुदान की राशि देने वाले परफ़ार्मेंस बेस्ट ग्रांट पर भी रोक लगा दी है
बतातें चले कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों का निरीक्षण किया गया था,जिसमें काफी संख्या में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे.इन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था इनमें से 192 शिक्षक और 162 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया है जिसके बाद विभाग ने सेवा से मुक्त करने की कार्रवाई शुरू की है.
सेवा मुक्त करने की कार्रवाई अभी राज्य के 5 विश्वविद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के खिलाफ शुरू की गई है.इनमें पाटलिपुत्रा विवि के बिहटा स्थित बीबीएमबीजी कन्या महाविद्यालय के कई शिक्षक और प्रचार्य अनुपस्थित मिले थे.ललित नारायण मिथिला विवि के छह कॉलेजों का निरीक्षण किया गया था जिसमें 27 शिक्षक और 50 कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे.पूर्णियां विवि के 8 कॉलेजों के निरिक्षण में 72 शिक्षक और कर्मचारी गायब मिले थे.बीएन मंडल विवि के चार कॉलेज के 83 शिक्षक और 103 कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे.वहीं आरा के वीर कुंवर सिंह विवि के तीन कॉलेज के 9 शिक्षक और 9 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे.