लाइव सिटीज, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर महिलाओ को लेकर दिए गए अपने बयान की खुद ही निंदा की है। सीएम तीश ने कहा कि मैं अपने बयान पर शर्म कर रहा हूं और दुख भी प्रकट कर रहा हूं। विधानसभा में मंगलवार को दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री बैकफुट पर आ गए। उन्होंने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। अगर इसकी निंदा हो रही है तो वे अपना बयान वापस लेते हैं और माफी भी मांगते हैं। सीएम नीतीश ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने पर है। उनके बयान का मतलब था कि अगर महिलाएं ज्यादा पढ़ेंगी तो प्रजनन दर कम रहेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिलाओं को लेकर दिए गए बयान पर सियासी गलियारों में खूब विवाद हुआ। बीजेपी के नेताओं ने सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बीजेपी नेता सीएम की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए उनका इस्तीफा मांगने लगे। नीतीश बुधवार सुबह जब विधानसभा पहुंचे तो सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने बयान को वापस ले लिया और माफी भी मांगी।
इसके बाद जैसे ही सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी विधायकों ने सदन में हंगामा कर दिया। सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बीजेपी विधायक वेल में उतर गए और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद सीएम नीतीश अपनी कुर्सी से उठे और एक दिन पहले दिए गए अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वे अपने बयान की खुद ही निंदा करते हैं। सीएम ने यहां तक कहा कि उन्हें अपने बयान पर सिर्फ शर्म ही नहीं बल्कि दुख है। इसके लिए वे माफी मांगते हैं।
हालांकि विपक्ष मुख्यमंत्री के इस्तीफे की बात पर अड़ा रहा। हंगामा जारी रहने के चलते स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही मात्र 12 मिनट चल सकी। इससे पहले स्पीकर ने कहा कि विपक्ष को मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं है।