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प्रतिभाशाली छात्रों के लिए सुनहरा मौका, गोल इंस्टीट्यूट ने की बहुप्रतिक्षित परीक्षा जी.टी.एस.ई. लॉच, जानें मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह ने क्या कहा

लाइव सिटीज, पटना: गोल टैलेंट सर्च एग्जाम (जी.टी.एस. ई.) के माध्यम से बड़े शहर के छात्र ही नहीं, छोटे गांव, कस्बों एवं शहरों के प्रतिभाशाली बच्चों को भी कंपीटीशन के लिए तैयार किया जाता है। इस एग्जाम के माध्यम से मेधावी छात्र एवं आर्थिक रूप से कमजोर छात्र अपने गोल को पाने में कामयाब रहे हैं। कई लोगों ने काफी बेहतर मुकाम हासिल किया है। इस टेस्ट के माध्यम से काफी संख्या में स्टूडेंट्स ने अपने सपने को साकार किया है। यह बातें गोल इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश में अभी भी जागरूकता की जरूरत है, इस कारण से जी.टी.एस.ई. के फॉर्म सभी तरह के स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध है। ऑनलाइन फॉर्म भरने की व्यवस्था भी की गयी है। छठी से 12वीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स www.gtse.in पर जा कर 20 नवंबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।परीक्षा ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में आयोजित की जायेगी। 26 नवंबर को ऑनलाइन परीक्षा होगी, इसमें स्टूडेंट्स अपने सुविधानुसार मोबाइल एवं लैपटॉप से परीक्षा दे सकते हैं। मुख्य परीक्षा 10 दिसंबर को ऑफलाइन जोन हेडक्वार्टर में होगा। गोल के मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह ने बताया कि गोल संस्थान से पिछले 12 वर्षों में इस परीक्षा के माध्यम से लगभग 3.75 लाख स्टूडेंट्स लाभान्वित हो चुके हैं।

हर वर्ष 100 शहरों के लगभग 300 छात्रों को प्रोत्साहन स्वरूप लैपटॉप, टैबलेट, बैग एवं घड़ी देकर प्रोत्साहित किया जाता है और गोल के कोर्स के लिए 100 प्रतिशत तक छात्रवृत्ति भी दी जाती है। इस परीक्षा में चयनित स्टूडेंट्स को पूर्वी भारत का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण प्लेटफॉर्म के रूप में गोल एजुकेशन विलेज में रखकर क्लास और सेल्फ स्टडी की सुविधा दी जाती है, जहां से प्रत्येक वर्ष सैकड़ों स्टूडेंट्स सफलता पाकर मेडिकल एवं जेइइ का टॉप रैंकर बनते हैं।

गोल इन्स्टीट्यूट के फाउण्डर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह कहते हैं कि जागरूकता समाज में जरूरी है। जागरूकता से सामाजिक परिवर्तन होता है, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए नैतिक शिक्षा के साथ-साथ अवेयरनेस जरूरी है। शिक्षा और जागरूकता साथ-साथ हो तो कई समस्या का समाधान तुरंत हो जायेगा। 6ठी से 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र नाजुक होती है, इस उम्र में बच्चों को किसी भी दिशा में मोड़ सकते है इस कारण गोल टैलेंट सर्च एग्जाम के माध्यम से बच्चों में कंपीटीशन की भावना जागृत करने का प्रयास है, इसके बाद काउंसेलिंग में बच्चों को सही दिशा में गाइड भी किया जाता है।
शारीरिक रूप से अक्षम व दिव्यांग स्टूडेंट्स को निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी

गोल टैलेंट सर्च एग्जाम के मकसद को बताते हुए गोल इंस्टीट्यूट के असिसटेंट डायरेक्टर रंजय सिंह ने कहा कि सामाजिक दायित्व के तहत स्टूडेंट्स को पहले से ही प्रतियोगिता से संबंधित जागरूकता लाने के लिए हमलोगों ने गोल टैलेंट सर्च एग्जाम की शुरूआत की है और हमें खुशी है कि प्रत्येक वर्ष हजारों छात्र इसका लाभ ले रहे हैं। शारीरिक रूप से अक्षम, दिव्यांग चयनित छात्रों को हमारी संस्थान मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए बिना किसी शुल्क के शिक्षा प्रदान करेगी।

बिहार एवं अन्य राज्यों के कई मेधावी छात्र जो दूर-दराज गांवों में अपनी प्रतिभा को खुद में समेटे किसी अवसर की तलाश में रहते हैं, उनके लिए आशा की किरण के रूप में आती है ‘गोल प्रतिभा खोज परीक्षा’। अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने को बेताब साइंस में रूचि रखने वाले ऐसे छात्र-छात्राएं, जो कक्षा छठी से 12वीं में पढ़ रहे हैं, वे इस परीक्षा के माध्यम से अन्य प्रतियोगी छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा को जांच सकते हैं । अच्छे रैंक लाने पर वे लैपटॉप एवं कई अन्य पुरस्कारों को पाने के साथ गोल इंस्टीट्यूट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए निःशुल्क तैयारी करने का अवसर पा सकते हैं।

गोल इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह बताते हैं कि इस प्रोग्राम में दो चरणों में परीक्षा ली जाती है, प्रथम चरण में ऑनलाईन परीक्षा होगी जिसे छात्र लैपटॉप, डेस्कटॉप एवं मोबाईल के माध्यम से अपने घरों से दे सकते हैं। करीब छः राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा के हजारों छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में शामिल होंगे। इस चरण में चयनित स्टूडेंट्स द्वितीय या मुख्य परीक्षा में भाग लेंगे, जो जोन मुख्यालय में ऑफलाईन मोड में आयोजित किया जाता है-


इन्हीं जोन में मुख्य परीक्षा के साथ सेमिनार का आयोजन किया जाता है, जहां छात्र खुद से संबंधित प्रतियोगिता परीक्षा के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं, इस सेमिनार में उन्हें उचित दिशा-निर्देश भी दिया जाता है। इस सेमिनार में चयनित छात्रों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। श्री बिपिन सिंह ने कहा कि इसमें वैसे प्रतिभाशाली चयनित छात्र को पुरस्कार के साथ गोल के क्लासरूप कोर्स में 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप दी जाती है, ताकि टैलेंटेड छात्रों की तैयारी में कोई बाधा न आ सके।

गोल इन्स्टीट्यूट के असिस्टेंट डायरेक्टर रंजय सिंह ने बताया कि 6ठी से 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे छात्रों को शुरूआती दौर से ही कॉम्पीटीटीव अवेयरनेस के साथ-साथ भविष्य में आने वाले प्रतियोगी परिक्षाओं से रूबरू करवाया जाता है ताकि उनका फंडामेंटल शिक्षा को नए समय के जरूरतों के अनुसार मजबुती दी जा सके जिसके आधारस्तंभ पर छात्र सफलता की नई इमारत खड़ी कर सकें। साथ ही उन्होनें कहा कि हमारी संस्थान ओलंपियाड एवं नेशनल टैलेंट सर्च परीक्षा (एन.टी.एस.ई.) के लिए भी छात्रों को मार्गदर्शन देकर सफलता के लिए प्रेरित करती है।

जीटीएसइ टॉपर अब आई.आई.टी. व टॉप मेडिकल कॉलेज में गोल संस्थान के आर. एण्ड डी. हेड आनन्द वत्स ने बताया कि गोल टैलेंट सर्च एग्जाम में बेहतर करने वाले स्टूडेंट्स आज अच्छे मुकाम पर हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस, आइपीएस के साथ अन्य प्रतियोगिता परीक्षा में बेहतर कर रहे हैं। कविता कांत (एम्स पटना), शंभु सिंह (आई.आई.टी. मुम्बई), प्रेरणा (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज), मो. शाकिब (मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज), केशव प्रसुन्न (आई.आई.टी. दिल्ली), शिवांशु सिंह (वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, दिल्ली) आदि बहुत से छात्र विभिन्न मेडिकल कॉलेज से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। नेशनल टॉपर शंभू कुमार आइ.आइ.टी. मुंबई से बी.टेक. कर रहे है- उनकी सफलता ने गोल टैलेंट सर्च परीक्षा का महत्व सुनिश्चित किया है। शंभू कुमार ने इस सफलता के बाद देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज में अपना नामांकन प्राप्त करने के साथ इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बड़ी सफलता की ओर अपना कदम बढ़ाया है-

इस प्रतियोगिता में गोल के कोर्सेस में एडिमशन लेने के लिए कोई दवाब नहीं दिया जाता है, उन्हें अपने कैरियर चुनने की आजादी है। कहीं भी पढ़े, लेकिन उन्हें स्कॉलरशिप दी जाती है। गोल के द्वारा आयोजित सेमिनार में कैरियर से संबंधित मार्गदर्शन दिया जाता है। इस टेस्ट में सफल होने वाले स्टूडेंट्स अगर इंजिनियरिंग या मेडिकल की तैयारी करने के लिए गोल में एडमिशन लेते हैं, तो उन्हें विशेष रियायत दी जाती है।
महत्वपूर्ण जानकारियाँ

फार्म भरने की अंतिम तिथिः 20 नवंबर
फॉर्म ऑनलाइनः www.gtse.in पर भरा जा सकता है।
फॉर्म ऑफलाइनः गोल इंस्टीट्यूट के किसी भी ऑफिस में जाकर प्राप्त कर सकते हैं- इसके लिए 200 रुपये शुल्क देना होगा।
प्रारंभिक परीक्षाः 26 नवंबर (ऑनलाइन) छात्र अपने सुविधानुसार मोबाइल एवं लैपटॉप से दे सकते हैं।
मुख्य परीक्षाः 10 दिसंबर (ऑफलाइन) जोन हेडक्वार्टर में पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णियां, भागलपुर, रांची, धनबाद, देवघर, जमशेदपुर, डाल्टेनगंज, भीलाई, रायपुर, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं उड़ीसा में होगा।

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