लाइव सिटीज, पटना: अयोध्या स्थित श्रीराम जन्म भूमि से सटे अमावा राम मन्दिर परिसर में अब शाम को भी राम रसोई शुरू हो चुकी है। पटना के महावीर मन्दिर द्वारा चलायी जा रही है। इस राम रसोई के संध्या कालीन सत्र की औपचारिक शुरूआत महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की उपस्थिति में हुई। रविवार से यह सुचारू हो गया।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम जन्म भूमि में राम लला का दर्शन करनेवाले श्रद्धालु अब शाम को भी राम रसोई में निःशुल्क भोजन कर रहे हैं। अब तक यह व्यवस्था सुबह 11 बजे से अपराह्न 3.30 तक चलती थी। अब शाम को भी 7.30 बजे से 9.30 बजे तक श्रद्धालुओं को राम रसोई में निःशुल्क भोजन कराया जा रहा है। दोपहर के सत्र में औसतन 4500 से 5000 भक्त राम रसोई में आ रहे हैं। जबकि संध्या काल में दो दिनों से 1500-2000 भक्त आ रहे हैं।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 15 दिनों बाद ही 26 नवंबर 2019 से अमावा राम मन्दिर परिसर में राम रसोई शुरू कर दी गयी। राम रसोई अयोध्या के इतिहास में अनवरत रूप से इतने भक्तों को निःशुल्क भोजन करानेवाला सबसे बड़ा अन्नक्षेत्र के रूप में स्थापित हो चुका है। राम रसोई में अब तक 25 लाख से अधिक भक्त भोजन ग्रहण कर चुके हैं।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम रसोई के कारण महावीर मन्दिर का कीर्ति-पताका देश के कोने-कोने और विदेश में भी लहरा रहा है। अयोध्या के पूर्व माता जानकी की प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में विगत सात वर्षों से सीता रसोई चल रही है। महावीर मन्दिर की ओर से सीता रसोई में भक्तों को दोनों पहर निःशुल्क भोजन कराया जाता है। महावीर मन्दिर, पटना के बाहर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दरिद्र नारायण भोज कराया जाता है। महावीर मन्दिर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दोनों पहर निःशुल्क भोजन के अतिरिक्त सुबह का नाश्ता भी निःशुल्क दिया जाता है।
राम रसोई में बिहारी शैली में पूछ-पूछकर पड़ोसा जाता है।राम रसोई में 10 प्रकार के शाकाहारी व्यंजन बिहारी शैली में पूछ-पूछकर पड़ोसा जाता है। राम रसोई में भोजन के समय जय सियाराम-जय हनुमान के जयकारे लगते रहते हैं। भक्ति माहौल में पूरे श्रद्धाभाव से भक्तों को भोजन कराया जाता है। इस दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। राम रसोई में पड़ोसे जानेवाले व्यंजन हैं- कचौड़ी,आलू दम, लौकी कोफ्ता, कतरनी चावल, अरहर की दाल, देशी घी, तिलौरी, पापड़, सांभर और मीठी चटनी।