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पूर्व CM जीतन मांझी के विवादित बोल- कहा अमीरों के बच्चे पोस्टकार्ड पर पैदा होते हैं

लाइव सिटीज, गया: बिहार की सियासत में इन दिनों विवादित बयान देने की होड़ सी मच गयी है. सत्ताधारी दल से विपक्षी सदस्य तक, मंत्री से पूर्व मुख्यमंत्री तक कोई पीछे रहने को तैयार नहीं है. हर कोई विवादित बयान देकर चर्चा में बने रहना चाहता है.. कोई अपने विचार के रूप में विवादित बयान दे रहा है तो कोई पुराने नेताओं के विवादित बयान का सहारा ले रहा है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने रविवार को गया में एक विवादित बयान दिया है. बताया जाता है कि उन्होंने वर्षों पहले पूर्व मुख्यमंत्री केबी सहाय के विवादित बयान को दोहराया है.

जीतन मांझी ने इस बार कहा है कि अमीरों के बच्चे पोस्टकार्ड पर पैदा होते हैं. गया के गांधी मैदान में आयोजित गरीब जगाओ रैली को संबोधित करते हुए मांझी ने आरक्षण के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी.मांझी ने कहा कि हमें 16 फीसदी आरक्षण मिला है.इसके अलावा 8 फीसदी आदिवासियों को आरक्षण है. यानी हमें कुल 24 फीसदी आरक्षण है. उन्होंने मीडियाकर्मियों के सामने दावा किया कि अगर सही से जातीय जनगणना हो तो समाज में उनकी 32-33 फीसदी हिस्सेदारी सामने आएगी. इसके बाद उन्होंने समाज के अमीरों को लेकर विवादित बयान दिया है.

उन्होंने कहा कि गरीब अपने बाल-बच्चों और पत्नी के साथ रहता है.पत्नी के साथ रहने के चलते बच्चे ज्यादा हो जाते हैं. अमीरों में कोई दिल्ली, कोई कोलकाता तो कोई पटना रहते हैं. मांझी ने कहा कि विधानसभा में कामख्या नारायण और देवी सहाय में जनसंख्या की बात पर विवाद हुआ था.देवी सहाय को 7 बेटे थे. बहस के दौरान कामख्या नारायण ने देवी सहाय से कहा था कि ये मुख्यमंत्री राज्य में क्या जनसंख्या नियंत्रण करेंगे, इनके तो 7 बच्चे है.

इसपर देवी सहाय ने कहा था कि मैं तो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता हूं, इसलिए संबंध बन जाता है और बच्चे पैदा हो जाते हैं. लेकिन जैसे बड़े लोग रहते हैं दिल्ली में और पत्नी रहती है शिमला में और पोस्टकार्ड पर आप लोगों को बाल-बच्चा पैदा हो जाता है.इसलिए आप लोगों का कम बच्चा पैदा होता है. कहने का मतलब यह है कि अमीरों के मुकाबले गरीबों की जनसंख्या ज्यादा तेजी से बढ़ती है.

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