लाइव सिटीज, पटना: कड़क अधिकारी माने जाने वाली IAS केके पाठक ने बिहार में शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव(ACS) का पद संभालते ही राज्य की कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने की कोशिश की थी,और कई तरह के गाईडलाइन जारी किये थे,हलांकि उनके की गाइडलाइन को पटना हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकारी के कानून प्रावधान का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था,पर देशभर से कोचिंग संस्थानों की मनमानी की मिल रही शिकायतों के बाद अब केन्द्र सरकार ने भी सख्ती करने की कोशिश की है.इसके लिए कई तरह के गाइलाइन जारी किये हैं.इस गाइडलाइन में हरेक कोचिंग संस्थान का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है और 16 साल से कम उम्र के बच्चे का किसी भी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं होगा.
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने देश में चल रहे अलग-अलग कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है.इस गाइडलाइंस के अनुसार कोचिंग सेंटर्स 16 वर्ष से कम उम्र के स्टूडेंट्स को एडमिट नहीं कर सकते हैं. अब स्टूडेंट्स अपने सेकेंडरी स्कूल एग्जाम (12वीं) पास करने के बाद ही कोचिंग में एनरोल कर सकेंगे. इसके साथ ही मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर्स पर भ्रामक वादे करने और अच्छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी है.
इस गाइडलाइंस का पालन नहीं करने पर कोचिंग सेंटर्स पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है. अगर कोचिंग वाले स्टूडेंट्स से ज्यादा फीस वसूलते हैं, तो कोचिंग का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा.जिन कोचिंग सेंटर्स की अलग-अलग ब्रांच हैं, उनको हर ब्रांच के लिए अलग से रजिस्टर करना होगा. माने हर सेंटर एक अलग कोचिंग सेंटर की तरह माना जाएगा.सरकार रजिस्ट्रेशन के लिए वेब पोर्टल बनाएगी.
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ये गाइडलाइंस 12वीं के बाद NEET,JEE,CLAT एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट्स के लिए जारी की गई हैं.ये गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं–
- इसके तहत कोई भी कोचिंग सेंटर ऐसे ट्यूटर को नहीं रखेगा,जिनकी क्वालिफिकेशन ग्रेजुएशन से कम हो.
- कोचिंग सेंटर माता-पिता/छात्रों को एडमिशन के लिए भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे नंबर लाने की गारंटी नहीं देंगे.
- 16 वर्ष से कम की आयु वाले छात्रों का एडमिशन नहीं करेंगे. उनका एडमिशन 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद ही किया जाएगा.
- हर कोर्स की ट्यूशन फीस फिक्स होगी. बीच में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, साथ ही इसकी रसीद देनी होगी.
- हॉस्टल की सुविधा, फीस और मेस की पूरी जानकारी देनी होगी.
- तय समय से पहले कोर्स छोड़ने पर 10 दिन में बची फीस वापस करनी होगी.
- अगर स्टूडेंट्स हॉस्टल में रह रहे हैं, तो हॉस्टल फीस और मेस फीस भी लौटानी होगी.
- कोचिंग की वेबसाइट पर फैकल्टी की एलिजिबिलिटी और कोर्स पूरा होने की अवधि बतानी होगी.
- बच्चों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना होगा. साथ ही उनके ऊपर अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर नहीं बनाया जाएगा.
- स्टूडेंट्स अगर किसी परेशानी में हो, तो मदद के लिए सिस्टम बनाना होगा.
- कोचिंग सेंटर्स में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के लिए प्रॉपर चैनल हो.साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर के नाम और वर्किंग टाइम की जानकारी पेरेंट्स को देनी होगी.
- ट्यूटर भी स्टूडेंट्स को गाइडेंस देने के लिए मेंटल हेल्थ के टॉपिक्स पर ट्रेनिंग ले सकते हैं.