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हाथी की तरह मोटा… केके पाठक का तंज सुनकर बोले शिक्षक- क्या पता कब ये कुर्सी छूट जाए

लाइव सिटीज, पटना: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पिछले दिनों निरीक्षण के दौरान एक शिक्षक को अपशब्द कहा था. केके पाठक ने शिक्षक को इडियट और मोटा कहा था. केके पाठक का वीडियो सामने आने के बाद शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की थी. इधर एक शिक्षक ने कविता के माध्यम से जवाब दिया है. शिक्षक के शब्द केके पाठक की तरह उग्र नहीं हैं. शिक्षक कवि ने मर्यादित भाषा में अपनी बातों रखा है.

शिक्षक के खिलाफ केके पाठक के अमर्यादित शब्दों पर शिक्षक और कवि पूर्णानंद मिश्र ने कविता लिखा है.

कविता है- ‘बिल्कुल सही कहा साहब, हम हाथी की तरह ही मोटे है, आप तो बहुत बडे अधिकारी हैं, हम तो ओहदे में भी बहुत छोटे हैं, आप जितना देते हैं उससे कहीं ज्यादा, हम काम निपटाते हैं, खाने का क्या है सरकार, ईश्वर ने जिसे जितना दिया वो उतना ही तो खाते है’.

पूर्णानंद मिश्र इस कविता में आगे लिखते हैं- ‘शरीर तो मोटा भी चलता है हुजूर पर ,जुबान मोटी नहीं होनी चाहिए, निरीक्षण का दायरा भले बडा हो, पर सोच छोटी नहीं होनी चाहिए. क्या पता, कब ये ओहदा, और ये कुर्सी छूट जाए! हमारे स्वाभिमान से मत खेलिए , कहीं ऐसा ना हो कि शिक्षकों का फिर से आक्रोश फूट जाए’. कविता के अंत में कवि ने डिस्क्लेमर दिया है. इस कविता को कोई अपने दिल पर न ले.पूर्णानंद मिश्र समसामयिक विषयों पर कविता लिखते हैं. उन्होंने पूरी कविता में केके पाठक के नाम का कहीं जिक्र नहीं किया है.

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