लाइव सिटीज, पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है। होली से पहले चुनाव आयोग की टीम बिहार का दौरा करेगी। विधानसभा चुनाव को लेकर यह पहला दौरा होगा। चुनाव आयोग की टीम बिहार में दो दिनों तक रहेगी। टीम पहले डीएम के साथ पहली समीक्षा बैठक करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ भी मीटिंग तय है। इसमें इनकम टैक्स, उत्पाद विभाग समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे
इस बार मतदान नवंबर में हो सकता है, क्योंकि दिवाली और छठ पर्व अक्टूबर में है। आयोग पर्व के बाद ही वोटिंग करा सकता है। चुनाव की तारीखों का ऐलान सितंबर लास्ट में हो सकता है। टीम ईवीएम की लेवल चेकिंग की जांच करेगी। ईवीएम की भी चेकिंग करेंगी। यह सब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की मौजूदगी में होगा। मतदान की प्रक्रिया में प्रयोग होने वाला ईवीएम और वीवीपैट की रैंडमली जांच होगी।पटना में टीम अधिकारियों के साथ बैठक के अलावा फील्ड का भी जायजा लेगी।भागलपुर, मुजफ्फरपुर जैसे जिले का दौरा कर वहां समीक्षा करेगी।
नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच चुनावी दंगल होगा। अभी तक के गणित के हिसाब से एनडीए में 5 पार्टियां भाजपा, जदयू, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास), जीतन राम मांझी की हम (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा का राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल है। वहीं, महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी और वामपंथी पार्टियां हैं। महागठबंधन में पशुपति पारस की पार्टी लोजपा भी शामिल हो सकती है। इसके संकेत लालू यादव ने अपने बयान से दिए हैं। कुछ बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ तो चुनाव के दिन तक गठबंधन का यही स्वरूप रह सकता है।