लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: साल 2022 में नालंदा जिले में हुए जहरीली शराब कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. आयोग ने राज्य सरकार को शराब कांड में मारे गए लोगों के आश्रितों को तीन-तीन लाख रुपया मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया है. मुआवजे की राशि की भिगतान के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया है.
इसके लिए सरकार के मुख्य सचिव से निर्धारित अवधि में भुगतान सुनिश्चित कर प्रमाण के साथ उसकी रिपोर्ट सौपने को कहा गया है. बता दें कि नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र में जनवरी 2022 में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी दो लोगों की आखें खराब हो गई थी.
आयोग ने इस मामले में दर्ज शिकायत पर संज्ञान लिया था. आयोग ने सरकार से ये सवाल पूछा था कि शराब कांड को पुलिस की विफलता मानते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को तीन-तीन लाख का मुआवजा क्यों नहीं दिया जाए. जिसके बाद सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद आयोग ने मुआवजा का आदेश दिया है. ब
ता दें कि 14 जनवरी 2022 को मकर संक्रांति के दिन नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र के छोटी पहाड़ी, मंसूर नगर, शृंगारहाट में स्थानीय धंधेबाजों से लोगों ने शराब खरीदकर पी थी. जिसे बाद 12 लोगों की लोगों हो गई थी और कई लोग बिमार हुए.
जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत के बाद इस मामले ने खूब तुल पकड़ा था. इसको लेकर सड़क से लेकर सदन तक खुब हंगामा हुआ था. वहीं लोग मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे. इसको लेकर शिकायत भी दर्ज कराई गई. जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले में संज्ञान लिया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरकार के मुख्य सचिव से छह सप्ताह में मुआवजे की भुगतान कर रिपोर्ट मांगी है.