लाइव सिटीज, गया: बिहार के बहुचर्चित बारा नरसंहार मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। 31 वर्षों के बाद अदालत ने नरसंहार के मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 3 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। मामले पर सुनवाई करते हुए शनिवार को जिला जज ने मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को दोषी करार दिया, वहीँ आज उन्होंने सजा का ऐलान कर दिया है।
अभी से 3 दशक पूर्व 12 फरवरी 1992 में गया जिले के टिकारी प्रखंड के बारा गांव में नक्सली संगठन एमसीसी के सैकड़ों हथियारबंद उग्रवादियों ने गांव पर हमला कर एक हीं जाति के 35 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। बीते 10 सालों से किरानी यादव के खिलाफ केस चल रहा था। घटना के करीब 15 साल बाद किरानी यादव को पकड़ा गया । नक्सली किरानी यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस नरसंहार को अंजाम दिया था।
इस कांड में पहले फेज में टाडा कोर्ट से जून 2001 में 13 अभियुक्तों को सजा हुई थी। इनमें से 4 आरोपी नन्हें लाल, कृष्णा मोची, वीर कुंवर पासवान और धर्मेंद्र सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि बाद में राष्ट्रपति ने चारों की सजा उम्र कैद में बदल दिया। फिर 2009 में व्यास कहार, नरेश पासवान और युगल मोची को फांसी की सजा हुई। जबकि साक्ष्य के अभाव में 3 आरोपियों को बरी कर दिया गया।