लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जाति आधारित गणना से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि इस कवायद का उद्देश्य वंचित लोगों के लिए विकास कार्य करना है. अपनी ‘समाधान यात्रा’ के दूसरे दिन सीतामढ़ी में कहा कि शुक्रवार से जाति आधारित गणना शुरू हो रही है. जाति की गणना सही ढंग से हो, इसको लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. गणना कार्य में लगे सभी कर्मचारी एक-एक घर में जाकर एक-एक चीज की जानकारी लेंगे. बता दें कि बिहार में आज से जातीय जनगणना की शुरुआत हो रही है.
पहले चरण में मकान की गिनती होगी. दूसरे चरण में जाति और आर्थिक गणना होगी. इसके लिए सरकार ने कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई गई है. पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगा. दूसरा चरण 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा.इस जाति आधारित गणना के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है. यह राशि बिहार आकस्मिकता निधि से दिया जाएगा.
राज्य सरकार के स्तर पर अभी मकानों की कोई नंबरिंग नहीं की गई है. वोटर आईकार्ड में अलग, नगर निगम के होल्डिंग में अलग नंबर है. पंचायत स्तर पर मकानों की कोई नंबरिंग ही नहीं है. शहरी क्षेत्र में कुछ मोहल्लों में मकानों की नंबरिंग है भी तो वह हाउसिंग सोसायटी की ओर से दी गई है, न कि सरकार की ओर से.
अब सरकारी स्तर पर दिया गया नंबर ही सभी मकानों का स्थायी नंबर होगा जो पेन मार्कर या लाल रंग से लिखा जाएगा. इसे 2 मीटर की दूरी से पढ़ा जा सकेगा.