लाइव सिटीज, पटना: बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान आयोग ने ऐतिहासिक काम किए हैं.60 दिनों से भी कम समय में परीक्षाफल दिया गया है.परीक्षार्थियों ने आवेदन भरने से लेकर प्रमाण पत्रों की जांच में कई तरह की गलतियां की,पर बीपीएससी ने उन्हें सुधार करने के कई मौके दिए.बी.एड डिग्रीधारियों के प्राथमिक शिक्षकों के मौके दिए जाने के संबंध में कहा कि जिसने दर्द दिया है..वही दवा भी देगा.
इसके साथ ही अतुल प्रसाद ने बताया कि कुल एक लाख 22 हजार 324 परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया है.इसमें 11-2 वीं क्लास के लिए 23 हजार 701 परीक्षार्थी सफल हुए हैं जबकि 9-10 वीं क्लास के लिए 26 हजार 207 अभ्यर्थी सफल हुए हैं.प्राथमिक शिक्षकों के लिए 72 हजार अभ्यर्थी सफल हुए हैं.कुछ रिजल्ट जारी हो गए हैं और बाकी सभी रिजल्ट दुर्गापूजा के पहले जारी कर दिया जाएगा.
मीडियाकर्मियों के सवाल के जवाब मे चेयरमेन अतुल प्रसाद ने कहा कि आवेदन करने के दौरान कई अभ्यर्थियों ने गलत जानकारी दी थी.यही वजह है कि चोरी पकड़े जाने के भय से काफ़ी अभ्यर्थी डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे.उन्हौने कहा कि बिना वाटर मार्क वाले डॉक्यूमेंट की कोई वैल्यू नहीं है.अगर किन्ही अभ्यर्थियों ने कोई प्रमाणपत्र अपलोड नहीं किया है तो वे अभी भी अपलोड करके फिर से डाउनलोड करें और फिर उसे वेरीफिकेशन के लिए साथ ले जाएं.
कशिश न्यूज से खास बातचीत में बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि परीक्षा से लेकर परीक्षाफल में पूरी पारदर्शिता का ध्यान रखा गया है.1 लाख 70 हज़ार पदों में 1 लाख 31 हज़ार की रिक्तिया भर सकते थे.प्राथमिक स्कूलों के लिए सबसे ज्यादा 72 हज़ार से अधिक सफल रहे.परीक्षा का स्तर काफ़ी अच्छा था. पार्शियल वेरिफिकेशन वाले अभ्यर्थियों का भी रिजल्ट आया है. डाउट ऑफ़ बेनिफिट अभ्यर्थियों को दिया गया है.कई अभ्यर्थी डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान अनुपस्थित रहे. बाकी रिक्तियों का दूसरे फेज में भरने का निर्णय सरकार को लेना है.