लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: कहते हैं कि भारतीय मां में बड़ी शक्ति होती है. यह शक्ति बिहार के बांका जिले में देखने को मिली है, जहां एक महिला बच्चे को जन्म देने की पीड़ादायक प्रक्रिया से गुजरकर मां बनने की खुशी पाने के महज 3 घंटे बाद बिहार बोर्ड एग्जाम में अपना पेपर देने सेंटर पर पहुंच गई. मैट्रिक एग्जाम में शामिल हो रही इस 22 वर्षीय मां की हर कोई तारीफ कर रहा है और उसे ‘पावरफुल मां’ बताते हुए सलाम ठोक रहा है
बिहार बोर्ड मैट्रिक 2023 की परीक्षा चल रही है. बांका की Rukmini भी ये एग्जाम दे रही है. BSEB 10th एग्जाम 14 फरवरी से मैथ्स पेपर के साथ शुरू हुआ. 22 साल की रुक्मिणी अपनी प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में परीक्षा देने गई. गणित का पेपर देकर लौटी तो रात में उसे तेज दर्द (लेबर पेन) उठा. फिर भी उसने अगले दिन 15 फरवरी को साइंस का पेपर देने का फैसला किया.
जब रुक्मिणी विज्ञान की परीक्षा देने पहुंची तब भी वह प्रसव के दर्द में थी. लेकिन जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया, तब उसे तुरंत एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. वहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. रुक्मिणी की डिलीवरी करने वाले डॉक्टर भोलानाथ ने बताया कि एग्जाम सेंटर से इमरजेंसी कॉल आते ही हॉस्पिटल में लेबर रूम (जहां प्रसव होना था) तैयार कर लिया गया था. डिलीवरी नॉर्मल हुई.
डिलीवरी के तुरंत बाद उसने डॉक्टर और शिक्षा अधिकारियों से जिद की कि उसे अपनी परीक्षा पूरी करनी है. आनन-फानन में उसे अनुमति दी गई. वो वापस एग्जाम हॉल की तरफ भागी. पेपर पूरा किया और फिर एक मां अपने नवजात शिशु के पास लौट आई.