प्रयागराज में शनिवार रात पुलिस अभिरक्षा में बीच सड़क माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सूबे की राजनीति गरमा गई है.जदयू ने इसपर सवाल खड़ा किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि प्रयागराज के माथे पर कलंक की गाथा लगी है. आस्था का केंद्र है पूरे देश का. यह तो साफ तौर पर दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है. पुलिस की सुरक्षा और न्यायिक अभिरक्षा में भी सुरक्षा नहीं है तो आम आवाम की सुरक्षा का क्या होगा.
आगे उन्होंने कहा कि लोग दहशत में है, बहन बेटी घर से नहीं निकल रही हैं. मन के अंदर भाव है, कहीं हम भी परेशानी में ना पड़ जाएं. ऐसे लोग जो महिमा मंडन करते थे, उनसे जानना चाहते हैं क्या जेल को ध्वस्त कर दिया जाए. क्या थाने को ध्वस्त कर दिया जाए. न्यायालय की प्रक्रिया को खत्म कर दिया जाए. यदि सारी प्रक्रिया को खत्म कर हुकूमत चलाना चाहते हैं, तो न्यायिक प्रक्रिया और प्रशासकीय ढांचा उसका क्या होगा. उत्तर प्रदेश सरकार तमाम तथ्यों का अवलोकन करें, कैसे हुआ यह तो जांच का विषय है.
नीरज कुमार ने कहा कि मीडिया के लोग भी थे उन पर भी खतरा हो सकता था, तो सरकार को सक्षम जवाब देना होगा. ऐसे पूरी घटना के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार ने 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. तीन सदस्य न्यायिक जांच आयोग का गठन भी किया है और सुरक्षा व्यवस्था भी पूरे प्रदेश में बढ़ा दी गई है. लेकिन घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर विपक्षी दलों की ओर से हमला तेज है.