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जीतनराम मांझी के बयान पर अशोक चौधरी का पलटवार , दिया ये जवाब

लाइव सिटीज, पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और सीएम नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी के बीच बहस छिड़ गई है। मांझी ने नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसका जवाब मंत्री अशोक चौधरी ने दिया और उलटे मांझी पर आरोप लगाए। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर भारी बहसबाजी हुई। दोनों के कमेंट अब सियासी गलियारे में में चर्चा का विषय बन गए हैं। जीतनराम मांझी महादलित मुसहर समाज से आते हैं। वहीं अशोक चौधरी भी जेडीयू का बड़ा दलित चेहरा हैं, जो सीएम नीतीश के खास माने जाते हैं।

दरअसल, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेडीयू विधायक गोपाल मंडल पर निशाना साधते हुए नीतीश पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि नीतीश दलितों से इतनी नफरत क्यों करते हैं, पहले सदन में मुझे अपमानित किया। अब अपने विधायक से मुसहरों को गाली दिलवा रहे हैं। दलितों से इतनी नफरत है तो अधिसूचना जारी करके उन्हें राज्य से ही बाहर निकलवा दें।

इस पर सीएम नीतीश कुमार ने तो कोई टिप्पणी नहीं की। मगर उनकी पार्टी के दलित नेता मंत्री अशोक चौधरी ने मांझी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि नीतीश ने अपनी कुर्सी छोड़कर जीतनराम मांझी को बिहार का पहला महादलित मुख्यमंत्री बनाया था। मगर वह विकास करने में असफल साबित हुए। साथ ही मेरे जैसे छोटे से दलित नेता को कैबिनेट में जगह दी। पार्टी में इतना स्नेह मिला वो भी नीतीश की ही देन है। मांझी ने फिर चौधरी की पोस्ट पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाकर अपने विधायक से गाली दिलवाना कौनसा सम्मान है। किसी मुसहर को रबर स्टांप सीएम समझना कौनसा दलित सम्मान है। उम्र में अपने से बड़े एक पूर्व महादलित सीएम को सदन के अंदर तू-तड़ाक में बात करना कैसा सम्मान है।

अशोक चौधरी ने फिर मांझी की पोस्ट पर पलटवार किया और कहा कि सम्मान अपने कर्मों से मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीतनराम मांझी ने जेडीयू को तोड़ने का प्रयास किया। नीतीश कुमार ने जाति गणना करवाई और जरुरत के अनुसार आरक्षण को भी बढ़ाया। बढ़ती उम्र के साथ मांझी की याद्दाश्त कमजोर हो गई है

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