लाइव सिटीज, पटना: राजधानी पटना में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने केंद्र की खाद वितरण नीति को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिहार में खाद की कालाबाजारी के लिए जो बातें केंद्रीय मंत्री कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मंत्री ने आगे कहा कि किसानों को जुलाई और अगस्त महीने में ज्यादा खाद की जरूरत होती है. जबकि केंद्र ने इन महीनो में यूरिया का मात्र 78 प्रतिशत आपूर्ति किया है. वैसे ही डीएपी का मात्र 71 प्रतिशत किसानों के लिए मुहैया कराई गयी है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार को यूरिया और जरुरत के हिसाब से आपूर्ति नहीं कराया.
इन सारी बातों के बाद मंत्री ने कहा कि अगर बिहार में खाद की कालाबाजारी हुई तो इस हालत में खाद वाले कंपनियों को सब्सिडी क्यों दी गई..? आखिर केंद्र सरकार नियम के विरुद्ध जाकर उनलोगों को सब्सिडी क्यों दे रही है, जबकि भारत सरकार का उर्वरक नीति यह है “अगर उर्वरक को सरकारी रेट से ज्यादा दाम पर बाजार में बेचा जा रहा है तो खाद वाले कंपनी को सब्सिडी नही मिलेगी, फिर इस नियम का उल्लंघन कर केंद्र सरकार ने कैसे खाद कंपनी को सब्सिडी दिया..? इस बार 2 लाख 25 हजार करोड़ सब्सिडी खाद कंपनी को केंद्र सरकार ने दिया. जिसमें राज्य भी 40 हजार करोड़ रुपए दी है.
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में खाद के कालाबाजारी की नौबत नहीं आए इसलिए हमलोग बिहार में नियम ही बदल चुके हैं. जिससे कोई भी खाद कंपनी यहां खाद नहीं बेच सकेगी,इसकी जल्द व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि खाद कंपनी हमेशा बिहार को एक अच्छे बाजार के रूप में देखती है और किसानों को हमेशा नजरअंदाज करती है. यहीं कारण है कि यहां के किसानों को कभी समय से सही कीमत पर खाद उपलब्ध नहीं होती है.