लाइव सिटीज, पटना: बिहार की धरती पर महिला सशक्तिकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डबल इंजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने गांव-गांव की महिलाओं के जीवन में नया अध्याय खोला है। इस योजना के तहत महिलाओं को शुरुआत में ₹10,000 की सीधी सहायता और आगे चलकर ₹2 लाख तक का वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है।
अब तक 75 लाख से अधिक बिहार की महिलाओं के खातों में सीधे ₹7,500 करोड़ से ज्यादा राशि पहुँची है। यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी महिला-केंद्रित योजना है। इसी से “लखपति दीदी” और “ड्रोन दीदी” जैसी प्रेरक कहानियाँ निकली हैं।
महिलाएं बकरी पालन, पोल्ट्री, आटा चक्की, मिठाई की दुकान, सिलाई और खेती-किसानी से सफल उद्यमी बन चुकी हैं। पहले जो महिलाएँ घर तक सीमित रहती थीं, वे आज परिवार और समाज की निर्णय लेने वाली ताक़त बन गई हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई, पोषण और परिवार का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।
डबल इंजन सरकार ने बिहार में सड़क, बिजली, पानी, शौचालय और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएँ हर घर तक पहुँचाईं। उज्ज्वला योजना से धुएँ से मुक्ति, प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्के घर और स्वच्छ भारत मिशन से महिलाओं की गरिमा बढ़ी है। 125 यूनिट मुफ्त बिजली और पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 होने से घरेलू खर्च घटा है और महिलाओं को अपने सपनों में निवेश की स्वतंत्रता मिली है।
शिक्षा और कौशल विकास में भी बिहार की बेटियाँ आगे बढ़ रही हैं। साइकिल और यूनिफॉर्म योजना से पढ़ाई जारी है और हज़ारों महिलाएँ जीविका समूहों से जुड़कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। अब गाँव की बेटियाँ अंधेरे में नहीं, बल्कि बिजली की रोशनी में अपने भविष्य के सपने सँजो रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का महिलाओं से सीधा संवाद उनकी ताक़त है। जब बिहार की लाभार्थी बहनें अपनी कहानियाँ साझा करती हैं तो उन्हें और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। पीएम मोदी बार-बार कहते हैं – “महिला शक्ति ही भारत के विकास की असली ऊर्जा है” और बिहार की महिलाएँ इसे सच कर रही हैं।
मिथिलांचल को नया गौरव तब मिला जब सीता मंदिर पुनौराधाम को राष्ट्रीय महत्व मिला। जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर आस्था का प्रतीक है, वैसे ही बिहार की पहचान माता सीता से और गहराई से जुड़ गई है। यह परिवर्तन महिलाओं को “सीता की बेटियाँ” कहकर नई शक्ति देता है और क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार व व्यापार को गति देता है।
भाजपा का संदेश साफ है- बिहार की असली पहचान जातिगत राजनीति से नहीं, बल्कि आस्था, गर्व और विकास से है। महिला सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को शासन की प्राथमिकता बनाना ही इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
भाजपा का स्पष्ट संदेश है कि बिहार की असली पहचान जातिगत राजनीति से नहीं, बल्कि आस्था, गर्व और विकास से है। महिला सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को शासन की प्राथमिकता बनाना ही इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।यही कारण है कि डबल इंजन सरकार का विजन है- “मंडल बनाम कमंडल नहीं, बल्कि माता सीता और महिला शक्ति से एकजुट बिहार और सशक्त भारत”। बिहार की महिलाएँ इस नए परिवर्तन की सबसे मजबूत धुरी हैं।