लाइव सिटीज पटना: जदयू से बागी हो चुके संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. इतना ही नहीं उन्होंने आरजेडी पर भी निशाना साधा है. उपेंद्र कुशवाहा ने CM नीतीश को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आरजेडी के साथ जो डील हुई है वो बता दें नहीं तो हमलोग खुद एक्शन लेंगे. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने कभी किसी की चिंता नहीं की है. मेरी पार्टी कमजोर हो रही है. जिन्होंने नीतीश कुमार को मजबूत बनाया, आज वो सहमे हुए हैं. दरअसल पटना में गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा महात्मा फुले समता परिषद द्वारा आयोजित “भारत लेनिन” अमर शहीद जगदेव प्रसाद जयंती समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश और आरजेडी पर हमला बोला.
उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश से कहा कि आरजेडी के साथ क्या डील हुई है इस बात की जानकारी दें. क्यों आरजेडी के लोग आपको मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं? जनता जिसे ताकत देती है वो सत्ता में होते हैं. वह नीतीश कुमार तो ताकत देना चाहते हैं, लेकिन हम लोग संशकित हैं. नीतीश कुमार को लवकुश, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित अलग-अलग समुदाय के लोगों ने ताकत दी है. नीतीश बता दें कि आरजेडी के साथ क्या डील हुई थी. आप बताएंगे तो उसके मुताबिक हम लोग एक्शन लेंगे. कहा कि जो भी डील हुई है वो बता दें नहीं तो हम लोग अपने मुताबिक एक्शन लेंगे.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 10 फिसदी लोगों की सत्ता की बात तो करते हैं, लेकिन गंगा जिस तरह से शंकर की जटा में फंस गई थी उसी तरह से यहां भी फंसाया जा रहा है. उन्होंने आगे नीतीश के करीबी नेताओं पर निशाना साधा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज जेडीयू के नेता कार्यकर्ता और समर्थक भ्रम में हैं. आरजेडी के लोग बार–बार नीतीश कुमार से सीएम की कुर्सी छोड़ने को बात कहते हैं. मुझे शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती मनाने से रोका गया. जेडीयू की मजबूती के लिए नीतीश कदम उठाएं. आरजेडी के साथ जो भी डील तय हुई है उसके बारे में बताएं. पार्टी कमजोर हो रही. लोगों को अलग किया जा रहा है.
बता दें कि जदयू में बागी हो चुके पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोल रहे हैं. कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया. पार्टी उनकी अनदेखी कर रही है. एमएलसी के पद के नाम पर लॉलीपॉप थमाया गया. कुशवाहा का यह भी कहना है कि मुझे तो पार्लियामेंट्री बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त नहीं किया गया है. उम्मीदवार के चयन में मेरी भूमिका हो सकती थी लेकिन वह भी नहीं मिली.