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जीतनराम मांझी के मन में क्या है? नीतीश कुमार पर लगाया धोखा देने का आरोप, फैसला लेने की बात भी कही

लाइव सिटीज पटना: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद पूर्व सीएम और हम पार्टी के संरक्षण जीतनराम मांझी का मन डोलने लगा है. मांझी के सुर बदले-बदले नजर आ रहें हैं. एक तरफ वह जिंदगी भर सीएम नीतीश के साथ रहने का संकल्प दुहार रहें हैं वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार पर ही धोखा देने का आरोप लगा रहें हैं. पार्टी के नेताओं से मांझी ने कहा कि उनपर सभी गठबंधन की तरफ से साथ रहने या साथ आने का दवाब मिल रहा है. इसलिए फैसले लेने का समय आ गया है. साथ ही मांझी ने यह भी कहा कि सचिन पायलट आंदोलन कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं.

दरअसल पूर्व सीएम जीतनराम मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(सेक्यूलर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का उद्घाटन के बाद पार्टी नेताओं को संबोधित कर रहे थे. मांझी ने कहा कि महागठबंधन में हैं, हम पर दवाब बहुत हैं, पर स्पष्टता हमारी कमजोरी रही हैं. दवाब ऐसा है कि मेरे साथ चले आइये. ये बाते सभी कह रहे हैं. नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में चिल्ला चिल्ला कर कहा कि मांझी जी कहीं नहीं जाइए. यहीं आपको सब कुछ देंगे,पर अभी तक वैसा कुछ मिला नहीं है.

जीतनराम मांझी ने कहा कि हम नीतीश कुमार के साथ रहेंगे. ये संकल्प लिया हैं. दिल्ली में हमारी नीतीश कुमार से मुलाक़ात हुई. मैंने कहा कि हम आपके साथ हैं. इसके साथ ही मैंने बोला अपने मुझे धोखा दिया.. सरकार में दो विभाग हमें मिलना था. लेकिन हमें एक मिला. अब पर्यटन और योजना विकास विभाग भी हमें दिया जा सकता था,पर नहीं दिया गया.इसके बाद भी हम उनके साथ हैं. नीतीश के साथ रहने के बावजूद वे जनहित के मुद्दों को लेकर आन्दोलन करेंगे. मांझी ने Bpl वालो को 200 यूनिट बिजली माफ़ी की मांग की. खेती के लिए बिजली बिल न लगे. इसके लिए आंदोलन की जरुरत हो तो करेंगें. निजी स्कूल में 25 फीसदी गरीब बच्चों का एड्मिशन नहीं हो रहा. इसपर नीतीश कुमार को ध्यान देने की जरूरत है.

मांझी ने कहा कि निर्णय की घड़ी आ गई है. कुछ लोगो कहना हैं की मेरी पार्टी का विलय हो जाए,लेकिन हमारे कार्यकर्ता नहीं चाहते हैं कि किसी में विलय हो. वे जनहित को मुद्दे पर आन्दोन चाहते हैं. इसलिए जब सचिन पायलट अपने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के खिलाफ अनशन कर सकतें हैं तो जीतनराम मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ अनशन क्यों नहीं कर सकता हैं .उमके मुद्दे पर सरकार काम नहीं कर रही है.बिहार में गरीबों को पांच डिसमिल नहीं सिर्फ एक डिसमिल जमीन दी जा रही. अब उस मुद्दे को लेकर आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं.इंदिरा आवास में भ्रष्टाचार है.

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