लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को तीन नए कानूनों के अमल में आने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, “आजादी के 77 सालों बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूर्णत: स्वदेशी और अपनी संस्कृति के अनुरूप होगी. अब दंड की जगह न्याय ले लेगा. सबसे पहले दफाओं और चैप्टर्स की प्राथमिकता तय की गई है और इसमें पहला अध्याय महिलाओं और बच्चों के लिए है”.
अमित शाह ने आगे कहा, “राजद्रोह को हमने जड़ से समाप्त कर दिया है. पहले सरकार के खिलाफ बयान देना गुनाह था. ये कानून सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी”. उन्होंने आगे बताया कि हमने कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया 99.9 फीसदी पूरी कर ली है. 90 दिन के अंदर पीड़ित को केस का अपडेट ऑनलाइन भेजा जाएगा. ये कानून पीड़ित के पक्ष में बनाया गया है. साथ ही तलाशी या रेड दोनों ही मामलों में वीडियोग्राफी भी की जाएगी. उन्होंने कहा, “न्याय प्रक्रिया अब संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में शामिल की जाएगी
अमित शाह ने बताया कि इस बिल को पारित करने के लिए लोकसभा में 9 घंटे 29 मिनट चर्चा की गई और राज्यसभा में 6 घंटे 17 मिनट चर्चा हुई. वहीं 2020 में शाह ने खुद सभी मुख्यमंत्रियों, सांसदों, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सभी जिलों के जिलाधिकारियों और आईपीएस अधिकारियों को पत्र लिखकर इसका सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा, “जो मूल बिल आया था, उसे स्थाई कमिटी के पास भेजा गया और इसकी अनुशंसा आने के बाद मूल बिल में 93 बदलाव किए गए थे. उन्होंने कहा, मेरा दफ़्तर हमेशा खुला है, आइए और चर्चा करिए… भारत के इतिहास में किसी और कानून को पारित करने से पहले इतना विचार विमर्श किसी और बिल के लिए नहीं हुआ है.