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उपेंद्र कुशवाहा ने MLC पद से दिया इस्तीफा, संस्कृत श्लोक सुना CM नीतीश पर खूब बरसे

लाइव सिटीज पटना: जेडीयू में बगावत कर खुद की नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल’ बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने आज जेडीयू से रिश्ते की अंतिम डोर भी तोड़ डाली. जेडीयू के संसदीय बोर्ड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को बिहार विधान परिषद पहुंचकर सभापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. कुछ दिनों पहले ही जेडीयू से बगावत कर उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी अलग पार्टी बनाई है.

उपेंद्र कुशवाहा ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार को उन्होंने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को इस्तीफा सौंपा. जेडीयू से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने 20 फरवरी को जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था. उसी दिन नई पार्टी की घोषणा के साथ ही यह जाहिर कर दिया था कि समय मिलते ही एमएलसी पद छोड़ने की औपचारिकता पूरी कर लेंगे. जिसके बाद अब उन्होंने अपने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया है.

इस्तीफा देने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं जमीर बेचकर कभी अमीर बन नहीं बन सकता. इसीलिए मैंने तत्काल ही पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उन्होंने कहा कि उनपर कई तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए गए. उन आरोपों का जवाब उन्होंने आज दे दिया है. कुशवाहा ने कहा कि उन्हें किसी भी तरह का पद का लालच नहीं है. जिस पद पर रहकर मैं जनता का काम नहीं कर सकता, उस पद पर रहने का मुझे कोई अधिकार नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब मैंने सदन को छोड़कर सड़क पर उतरने का फैसला किया है.

उपेंद्र कुशवाहा ने संस्कृत श्लोक के जरिए सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी, “त्वदीयं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये. आज मैंने विधान परिषद् की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया. एमएलसी से इस्तीफा देने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जमीन बेचकर अमीर नहीं बनता है. आज हम सदन को छोड़कर सड़क पर आ गए हैं और जिन सिद्धातों को लेकर राजनीति कर रहे हैं उसे आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि अब उनका नीतीश के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा. बिहार के हित में उन्होंने नई पार्टी गठित की है.

दरअसल उपेंद्र कुशवाहा 17 मार्च 2021 को विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से नामित हुए थे. उनका कार्यकाल 16 मार्च 2027 तक था. उपेंद्र कुशवाहा राज्यपाल के द्वारा मनोनीत सदस्य थे, इस वजह से उन्होंने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा है. पिछले कई दिनों से सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पटना से बाहर थे. शुक्रवार को उनके पटना पहुंचते ही कुशवाहा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इस सीट के रिक्त होने की घोषणा के बाद बचे हुए कार्यकाल के लिए किसी नए सदस्य का मनोनयन होगा.

बता दें कि नीतीश कुमार से नाराज़ होकर उपेंद्र कुशवाहा ने फिर से जेडीयू को अलविदा कह दिया है. कुशवाहा ने इसके साथ ही एक नई पार्टी बना ली है. इस पार्टी का नाम ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ रखा गया है. उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू को एक कमज़ोर पार्टी बताया था और नीतीश कुमार समेत पार्टी के बड़े नेताओं पर लगातार गंभीर आरोप लगा रहे थे. जिसके बाद अब उन्होंने एक बार फिर से खुद की नई पार्टी बनाने का फैसला किया है.

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