लाइव सिटीज पटना: रमजान के महीने के दौरान बिहार के सियासी गलियारे में इफ्तार पार्टियों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू की तरफ से दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया. वहीं रविवार को आरजेडी की तरफ से भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के बीच इफ्तार पार्टी के आयोजनों पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी की तरह राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोद) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने भी इफ्तार पार्टियों से किनारा कर लिया है. उन्होंने रामनवमी पर बिहाशरीफ और सासाराम में हुई हिंसा के बीच हो रही राजनीतिक इफ्तार दावतों पर तंज कसा है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है कि रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है. इफ्तार पार्टी का दौर शुरू हो गया है. मुझे भी कुछ प्रमुख जगहों से निमंत्रण मिला है/मिल रहा है. पार्टी के कई साथियों ने रालोजद की ओर से इफ्तार पार्टी के आयोजन की सलाह मुझे भी दी है. मेरी समझ से सासाराम, बिहार शरीफ आदि शहरों के वर्तमान हालात के मद्देनजर इफ्तार के नाम पर समारोह नहीं, बल्कि रोजेदारों की सहुलियत के प्रति गंभीर होना चाहिए क्योंकि फिलहाल जश्न नहीं जख्म पर मरहम की जरूरत है. शायद समारोह जले पर नमक छिड़कने जैसा न हो जाए.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी के बाद जेडीयू की तरफ से दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया. वहीं रविवार को आरजेडी की तरफ से भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. जहां महागठबंधन के कई सभी नेता शामिल होंगे. हालांकि रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के बीच इफ्तार पार्टी के आयोजनों पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है और इस तरह के आयोजनों से दूरी बना ली है. अब नीतीश कुमार से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा भी बीजेपी के साथ खड़े हो गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि वे हिंसा के बीच इफ्तार पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं.