लाइव सिटीज, पटना: बिहार में अब पर्यावरण संरक्षण के साथ पत्थर खनन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य में फिलहाल 8 खनन पट्टे चालू हैं, जिनमें 7 शेखपुरा और 1 गया जिले में स्थित हैं। इस बात की जानकारी उप-मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को आदेश दिया गया है कि ऐतिहासिक, पौराणिक और पर्यावरणीय महत्व वाले पहाड़ों का एक विस्तृत डाटाबेस तैयार करें, ताकि इन विशेष पहाड़ों को संरक्षित किया जा सके।
उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बालू घाटों की संख्या अब 77 से बढ़कर 171 हो गई है। इस बढ़ोतरी से राजस्व संग्रह में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह में 106 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2405 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया था, जिसे बढ़ाकर 2605 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है। यह राज्य के लिए रिकॉर्ड राजस्व संग्रह है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से ट्रांजिट पास और विनियामक शुल्क का निर्धारण किया जाएगा, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले लघु खनिजों पर निगरानी रखी जाएगी। विभाग द्वारा सभी सहायक निदेशकों और विकास पदाधिकारियों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि खनन और परिवहन की बेहतर निगरानी की जा सके। अवैध खनन के खिलाफ शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2215360 और व्हाट्सऐप नंबर 9472238821 जारी किए गए हैं।
अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई में फरवरी 2024 तक 28,942 छापेमारी, 32,063 प्राथमिकी, 1206 गिरफ्तारियां, 10,092 वाहनों की जब्ती और 126 करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली की गई है। इसके अलावा, पर्यावरण स्वीकृत बालू घाटों की संख्या 166 से बढ़कर 230 हो गई है और नीलामी बालू घाटों की संख्या 266 से बढ़कर 388 हो गई है।
नए खनिज ब्लॉक्स की नीलामी परविजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में 12 खनिज ब्लॉक्स में से 9 सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ब्लॉक्स की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है, जबकि 3 ब्लॉक्स की नीलामी राज्य सरकार द्वारा की गई है। समाहरणालय और जिला नियंत्रण कक्ष राज्य में खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए 6 जिलों में समाहरणालय और 18 जिलों में जिला नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। अन्य जिलों में भी कार्यालय निर्माण की प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार का पर्यावरणीय प्रतिबद्धता राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ खनन गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि बिहार में खनन का संचालन पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से हो सके।