लाइव सिटीज पटना: आजीवन कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने रिहा कर दिया है. आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों को जेल से रिहा करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है. वहीं एक तरफ जहां बिहार बीजेपी आनंद मोहन की रिहाई का स्वागत कर रही है. वहीं बीजेपी IT सेल के चीफ प्रभारी अमित मालवीय ने इस पर सवाल खड़ा किया है. वहीं अमित मालवीय के ट्वीट को लेकर आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है.
बीजेपी IT सेल के चीफ प्रभारी अमित मालवीय का ट्वीट शेयर करते हुए चेतन आनंद ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि पापा की रिहाई एक ही पार्टी ने रोकी थी और आज वह खुल कर उनकी रिहाई का विरोध कर रही है! जब तक वह सरकार में थी पापा का निकलने का रास्ता थामे बैठी थी! मालवीय जी के बयान ने सब साफ कर दिया.
वहीं अमित मालवीय के ट्वीट पर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आनंद मोहन जी की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है. पहले तो यूपी की अपनी बी टीम से विरोध करवा रही थी. बीजेपी को यह पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार जी के सुशासन में आम व्यक्ति और खास व्यक्ति में कोई अंतर नही किया जाता है. आनंद मोहन जी ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी क्योंकि खास लोगो के लिए नियम में प्रावधान किया हुआ था. नीतीश कुमार जी ने आम और खास के अंतर को समाप्त किया और एकरूपता लाई तब उनकी रिहाई का रास्ता प्रशस्त हुआ. अब भाजपाइयों के पेट में न जाने दर्द क्यों होने लगा है.
बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णेया हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. बिहार सरकार द्वारा जेल नियमों में संशोधन के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा, जिसमें उनके सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी गई है. आनंद मोहन बीते 11 अप्रैल को ही बेटे की शादी में शामिल होने के लिए जेल से पेरोल पर बाहर आए हैं. वह 15 दिनों के लिए पेरोल पर बाहर हैं.