लाइव सिटीज पटना: वरिष्ठ समाजवादी नेता रहे शरद यादव का अस्थि कलश शनिवार को पटना पहुंचा. शरद यादव की बेटी सुभाषिणी और बेटे शांतनु अस्थि कलश लेकर पटना हवाई अड्डे पर पहुंचे तो वहां कई राजद नेता मौजूद रहे. यहां से अस्थि कलश को आरजेडी के प्रदेश कार्यालय पहुंचा. जहां उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आरजेडी कार्यालय में श्रद्धा सुमन अर्पित कर अस्थि कलश यात्रा को मधेपुरा के लिए रवाना किया. इस दौरान शरद यादव को याद कर तेजस्वी यादव भावुक हो गए. वहीं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी सहित कई नेता कार्यकर्ता मौजूद दिखे.
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शरद यादव के अस्थि कलश को उनके बेटे को सौंप कर अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत की. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा शरद यादव के निधन की खबर सुनकर हम लोग काफी मर्माहत थे, आज हम भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हैं. उन्होंने हमेशा राजनीति में अवल कार्य किया है. वह लोगों के नेता थे. उनका योगदान अहम है. दिवंगत शरद यादव का अस्थि कलश पटना से वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और सहरसा होते हुए मधेपुरा पहुंचेगा. शरद यादव की अस्थि कलश यात्रा 5 फरवरी की शाम तक मधेपुरा पहुंचेगी. मधेपुरा में 6 फरवरी को बी. पी. मंडल स्टेडियम में प्रार्थना सभा आयोजित की गई है. बता दें कि शरद यादव ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ राजनीति की. उनकी पहचान पिछड़ों को आरक्षण दिलाने वाले नेता के रूप में रही है.
बता दें कि शरद यादव का अस्थि कलश यात्रा पटना से महात्मा गांधी सेतु, वैशाली और मुजफ्फरपुर जिला होते हुए 4 फरवरी की शाम कलश दरभंगा पहुंचेगा. 5 फरवरी को 11 बजे पूर्वाह्न गांधी चौक दरभंगा से अस्थि कलश यात्रा शुरू होकर मधुबनी, सुपौल और सहरसा जिला होते हुए 6 बजे शाम को मधेपुरा स्थित स्व. शरद यादव के आवास पर पहुंचेगी. वहां लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा. 6 फरवरी को 11 बजे दिन में मधेपुरा स्थित बी पी मंडल स्टेडियम में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है. इसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव संबोधित करेंगे.
बतातें चलें कि शरद यादव का दिल्ली में निधन हुआ था. उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश स्थित उनके पैतृक गांव में हुआ था. हालांकि शरद का अस्थि कलश किसी नदी में प्रवाहित नहीं किया गया. राजद नेताओ के अनुसार शरद की इच्छा के अनुरूप उनके अस्थि कलश को उनकी कर्म भूमि पर लाया गया है. बता दें कि शरद यादव ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ राजनीति की. उनकी पहचान पिछड़ों को आरक्षण दिलाने वाले नेता के रूप में रही है.