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किसान को इंग्लिश बोलता देख बोले CM नीतीश, इंग्लैंड में रहते हो क्या?, कहा-जो मन करे वही करते रहिए

लाइव सिटीज पटना: पटना के बापू सभागार में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक गुस्से में आ गए. दरअसल जिले से आए किसान मंच से सरकार को अपना सुझाव दे रहे थे. इस बीच सरकार को सुझाव दे रहा एक किसान अपने संबोधन में बार-बार अंग्रेजी शब्दों को इस्तेमाल कर रहा था. किसानों द्वारा बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द के प्रयोग करने से सीएम नाराज हो गए. नीतीश कुमार ने कहा कि बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द को क्यों घुसा दे रहे? सिर्फ अंग्रेजी भाषा है, और कोई भाषा नहीं है? अपनी भाषा हिंदी में बोलिए. सीएम नीतीश ने किसान से पूछ डाला कि वह इंग्लैंड में रहता है क्या. नीतीश ने कहा कि ये इंग्लैंड नहीं बल्कि बिहार है, अपने राज्य की भाषा हिंदी में बोलिए.

किसान की अंग्रेजी सुनकर भड़के मुख्यमंत्री ने कहा कि हो क्या गया है आपको..अपने राज्य और देश के हिन्दी भाषा को भूल जाइएगा. क्या आश्चर्य लग रहा है सबको बिना मतलब का बोलते हुए. आप किसान हैं खेती करते हैं. खेती तो आम आदमी करता है न जी. आपको यहां बुलाया गया है सुझाव देने के लिए तो आप आधा अंग्रेजी में बोल रहे हैं. ये इंग्लैंड है कि भारत और बिहार है न. हम देख रहे हैं सबको. जब से कोरोना आया है और सब मोबाइल पर देखने लगा है. सब अपनी पुरानी भाषा को भूल रहा है. नया नया शब्द को बोल रहा है और पुराना चीज को भूल रहा है.

सीएम नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि आप लोगों को मालूम है न ? हम इंजीनियरिंग पढे हैं. अंग्रेजी में ही पढ़ाई होती थी. यह अलग चीज है. जहां पढ़ना-पढ़ाना है वहां बोलिए. हम राजनीति करते हैं कहां अंग्रेजी बोलते हैं? आजकल तो देखकर आश्चर्य हो रहा है. यह सब जरा देखिए. जहां अंग्रेजी बोलना हो वहां पर बोलिए. अपने राज्य और अपने लोगों के बीच क्या जरूरत है अंग्रेजी बोलने की ? हम महिलाओं को भी देख रहे हैं ,अंग्रेजी घुसा दे रही है. हम अधिकारियों से कहेंगे कि इस बात को देखिए. वैसे शब्दों का प्रयोग मत करवाइए. यहां अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर दे रहे हैं वहां कर दे रहे हैं. अंग्रेजी शब्द का प्रयोग मत करिए. जो मौलिक चीज है उस चीज को कायम रखिए.

बता दें कि बिहार के चौथे कृषि रोड मैप को अंतिम रूप में देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज किसानों के साथ संवाद किया. पटना के बापू सभागार में इसके लिए 4700 किसानों को आमंत्रित किया गया था. किसानों से मिले इस सुझाव को कृषि रोड मैप में भी जगह दी जाएगी. तीन कृषि रोडमैप लागू करने से पहले किसानों का सुझाव मुख्यमंत्री पहले भी लेते रहे हैं. इसलिए किसानों से मुख्यमंत्री का संवाद बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के गैर मौजूदगी में ही कृषि समागम शुरू हुआ. मंच पर तेजस्वी यादव की कुर्सी सिर्फ खाली रही. लेकिन करीब 2 घंटे बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे.

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