लाइव सिटीज पटना: बिहार में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के मीट भात भोज पर सियासी घमासान मचा हुआ है. अब यह मामला कोर्ट-कचहरी तक जा पहुंचा है. जेडीयू ने अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को लीगल नोटिस भेजा है. इसमें कहा गया है कि सम्राट चौधरी ने इस मटन पार्टी को लेकर गलत आरोप लगाया है. इसलिए 15 दिनों के अंदर उसका सबूत पेश करें वर्ना उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. बीते दिनों जदयू की ओर से सम्राट चौधरी को चेतावनी दी गई थी.
जेडीयू के मुंगेर जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल की ओर से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को लीगल नोटिस भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है कि मुंगेर में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे. इसमें नॉन वेज औऱ वेज दोनों तरह के खाने का प्रबंध था. लीगल नोटिस में कहा गया है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस कार्यक्रम को लेकर बयान दिया कि जेडीयू मटन औऱ दारू की पार्टी कर वोट बटोरने की कोशिश में लगी है. कोई दूसरी पार्टी मटन खिलाकर और दारू पिलाकर वोट नहीं लेती.
लीगल नोटिस में कहा गया है कि सम्राट चौधरी ने झूठा आरोप लगाया है. इसलिए उन्हें 15 दिनों के अंदर इसका सबूत पेश करना चाहिये कि ललन सिंह की मटन पार्टी में शराब परोसी गयी थी. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. जेडीयू के लीगल नोटिस में कहा गया है कि सम्राट चौधरी ने अपने बयान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ऐसी पार्टी कराने का आरोप लगाया है. जबकि इस पार्टी का आयोजन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर से किया गया था. ललन सिंह पहले भी ऐसी पार्टी देते रहे हैं और जब बीजेपी जेडीयू के साथ थी तो उसमें बीजेपी के नेता भी शामिल होते थे. तारापुर उप चुनाव के बाद भी ऐसी पार्टी हुई थी तो उसमें सम्राट चौधरी खुद भी शामिल हुए थे.
बता दें कि बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया था कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लोगों को मीट-भात और दारू पिलाकर वोट लेने की कोशिश कर रहे हैं. जिसको लेकर जदयू और बीजेपी में सियासी बयानबाजी जारी है. वहीं मंगलवार को ही जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सम्राट चौधरी को ललन सिंह से माफी मांगने को कहा था और उनको कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी था. वहीं आज जेडीयू ने उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया.