लाइव सिटीज पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के परिवार पर ईडी की छापेमारी को लेकर सियासत तेज है. शुक्रवार को ED ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के परिवार और करीबियों के परिसरों पर छापेमारी की. शनिवार को ईडी ने बताया है कि उसे छानबीन के दौरान 600 करोड़ के आर्थिक अपराध का पता चला है. जिसको लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. वहीं अब आरजेडी ने भी 150 करोड़ का बंगला 4 लाख में खरीदने वाले ईडी के बयान पर पलटवार किया है.
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव के बेटे और बेटियों पर सिलसिलेवार छापेमारी के बाद कहा कि दिल्ली की पॉश न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव का बंगला महज 4 लाख रुपये में खरीदा गया था और इसकी बाजार कीमत अब 150 करोड़ रुपये है. जिसको लेकर राजद ने ईडी से कुछ सवाल पूछा है.
आरजेडी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ईडी से तीन सवाल पूछा गया है. पहला- इसके सार्वजनिक दस्तावेज पेश किए जाएं जहां यह लिखा है कि किसी मकान की खरीद महज 4 लाख में हुई है? दूसरा- आज से 15-20 वर्ष पूर्व किसी मकान की कीमत और आज की कीमत एक जैसी ही रहती है क्या? वहीं तीसरा सवाल- मकान खरीदा जाता है घर नहीं! यह अंतर जो बीवी छोड़ देते है उन्हें नहीं पता होता.
इससे पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि याद करिए- 2017 में भी कथित 8000 करोड़ का लेन-देन, हजारों करोड़ का मॉल, सैंकड़ों संपत्तियां, अभी चंद महीनों पहले गुरुग्राम में अरबों का WhiteLand कंपनी का UrbanCube मॉल भी मिला था. भाजपाई अब कथित 600 करोड़ का नया हिसाब लाने से पहले अपने सूत्रों को पुराने का तो हिसाब दे देते. तेजस्वी ने आगे लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा सूत्रों के हवाले से इधर-उधर की भ्रामक अफवाह फैलाने अथवा खबर प्लांट करवाने की बजाय रेड के बाद हस्ताक्षर किए जाने वाले पंचनामे की सूची ही सार्वजनिक कर देनी चाहिए. अगर हम इसे सार्वजनिक कर देंगे तो इन बेचारे नेताओं की क्या इज्जत रहेगी? सोच लो.
बता दें कि ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले को लेकर 24 जगहों पर छापेमारी की थी. इसमें तेजस्वी यादव के साथ लालू यादव की बेटियों के घर भी जांच टीम पहुंची थी. अब ED ने पूरी जांच और छापेमारी का ब्योरा जारी किया है. ईडी ने बताया कि 1 करोड़ कैश, 1900 डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलो सोने के आभूषण बरामद बरामद किए गए हैं. ईडी के मुताबिक मामले की तहकीकात के दौरान करीब 600 करोड़ के अवैध लेन-देन का पता चला है. इसमें से 350 करोड़ की अचल संपति खरीदी गई और 250 करोड़ रुपये बेनामी प्रोपर्टी के जरिए रूट्स किये गए.