लाइव सिटीज, पटना: भारत निर्वाचन आयोग ने 9 अगस्त 2025 को 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपनी सूची से हटा दिया. इनमें बिहार के 17 दल शामिल हैं. आयोग का यह कदम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत उठाया गया है. इस नियम के अनुसार दलों को पंजीकरण के समय नाम, पता और पदाधिकारियों की जानकारी देना अनिवार्य है.
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने इन दलों को हटाने का मुख्य कारण उनकी छह साल की निष्क्रियता और गैर-मौजूद पते बताया. नियमों के मुताबिक, कोई दल अगर लगातार छह साल तक चुनाव नहीं लड़ता तो उसका पंजीकरण रद्द हो सकता है. जून 2025 में ECI ने 345 RUPPs की जांच शुरू की थी. इनमें से 334 दलों ने न तो चुनाव लड़ा और न ही अपने पते अपडेट किए. बिहार में चुनाव आयोग की जांच के दौरान भारतीय बैकवार्ड पार्टी, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी और देसी किसान पार्टी जैसी 17 दलों के कार्यालय या तो फर्जी या फिर गायब पाए गए
बिहार से संबंधित जिन 17 राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है इनमें पटना का भारतीय बैकवार्ड पार्टी, भारतीय सुराज दल, भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक), बक्सर की भारतीय जनतंत्र सनातन दल, सारण की बिहार जनता पार्टी, गया की देसी किसान पार्टी, भभुआ (कैमूर) की गांधी प्रकाश पार्टी, बक्सर की हिमाद्री जनरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जनसेवक), पटना की क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, क्रांतिकारी विकास दल, लोक आवाज दल, लोकतांत्रिक समता दल, भगवानपुर (वैशाली) की नेशनल जनता पार्टी (इंडियन), पटना की राष्ट्रवादी जन कांग्रेस, राष्ट्रीय सर्वोदय पार्टी, सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी और जमुई की व्यावसायी किसान अल्पसंख्यक मोर्चा शामिल हैं.