लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू करने के नीतीश सरकार के फैसले को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इसे छलावा बताया है। उन्होने कहा कि 2023 में नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति बदल दी थी, क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लालच में उन्होंने बिहार के युवाओं से नौकरियां छीन लीं। 3 लाख शिक्षकों की बहाली में ज्यादातर बाहरी छात्रों को नौकरी मिल गई। अब, विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, तो डोमिसाइल नीति में संशोधन कर दिया है
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर टीआरई-4 में डोमिसाइल नीति लागू हो रही है, तो 100 फीसदी सीटें बिहार के छात्रों को मिलनी चाहिए। बिहार के युवाओं को ये समझना है कि एक जन सुराज के आने से दिव्यांगों, बुजुर्गों और विधवाओं की पेंशन 400 से बढ़कर 1100 हो गई। रसोइसा का मानदेय दोगुना हो गया, डोमिसाइल पर सरकार ने नीति बदल दी।
उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि 20 साल से बुजुर्गों को 400 रुपए मिल रहे थे। 3 साल तेजस्वी भी सरकार में थे। एक रुपए नहीं बढ़ाया लेकिन जन सुराज की जो व्यवस्था बन रही है। उसका ये डर है, जन सुराज और जनता का डर है। ये बातें पीके ने सीतामढ़ी में बिहार बदलाव यात्रा के दौरान कही।