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पीएम मोदी बोले- पुस्तकें भलें ही जल जाएं, लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती…नालंदा विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा

लाइव सिटीज, नालंदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने हुए एक पट्टिका का अनावरण किया और एक पौधा भी लगाया। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा तथा अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे. इस कार्यक्रम में 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए।

कैंपस के उद्घाटन के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पुस्तकें भले ही जल जाएं आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती है। नालंदा का कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देने के लिए काफी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण के 10 दिन के भीतर ही मुझे नालंदा आने का अवसर मिला है। यह मेरा सौभाग्य तो हैं ही, मैं इसे भारत के विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। नालंदा केवल नाम नहीं है बल्कि नालंदा एक पहचान है, नालंदा एक सम्मान है, नालंदा मूल्य है, नालंदा मंत्र है, गौरव है ,गाथा है। नालंदा सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भलें ही जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती।

पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा के दंश ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रहा है। अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण, यह नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा, जो राष्ट्र मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वह राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित कर के बेहतर भविष्य की नीव रखना जानते हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को भी तहे दिल से बधाई देता हूं। बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है नालंदा का यह कैंपस उसी की एक प्रेरणा है। नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। नालंदा का अर्थ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जहां शिक्षा का, ज्ञान के दान का अविरल प्रवाह हो। शिक्षा को लेकर भारत की यही सोच रही है।

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