लाइव सिटीज, पटना: पटना से पूर्णिया तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एक्सप्रेस-वे का दर्जा दे दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे को नेशनल एक्सप्रेसवे-9 (NE-9) घोषित किया है। यह बिहार का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे होगा जो पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के भीतर ही बन रहा है। यह प्रोजेक्ट बिहार के लिए गेमचेंजर साबित होगा। इससे पूर्णिया से पटना सड़क मार्ग से महज 3 घंटे के भीतर आया जा सकेगा।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे को समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए अलग से संपर्क मार्ग बनाया जाएगा। पिछले दिनों 6 लेन ग्रीनफील्ड इस एक्सप्रेस-वे को बिहार सरकार ने मंजूर किया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुरोध पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसकी सहमति दी थी। बिहार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह जल्द इसकी निविदा प्रकाशित करे ताकि इस साल निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
पीपीपीएसी के तहत इस परियोजना का निर्माण हैम मोड में होगा। यानी निर्माण एजेंसी 60 फीसदी राशि खुद खर्च करेगी। 40 फीसदी राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। निर्माण एजेंसी को टोल प्लाजा से पैसे की भरपाई की जाएगी। 15 साल तक एजेंसी इस सड़क की देख-रेख करेगी।
वैशाली जिले के सराय टोल प्लाजा के समीप एनएच 22 के मीरनगर अराजी गांव से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा और मधेपुरा होते हुए पूर्णिया में एनएच 27 के चांद भठ्ठी के समीप हंसदाह में समाप्त होगा। दिघवाड़ा से शेरपुर के बीच बनने वाले पुल से इसकी कनेक्टिविटी बिहटा एयरपोर्ट से हो जाएगी। हाजीपुर के सराय, जेपी सेतु के सामने भी इसका संपर्क होगा। पटना रिंग रोड का हिस्सा रहे दिघवारा को इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।इसका निर्माण 3 पैकेज में किया जाएगा।