लाइव सिटीज पटना: बिहार के गया जिला के अतरी प्रखंड स्थित महांचक गांव से राम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें महांचक ग्राम के साथ-साथ अन्य गांव के हजारों लोग शामिल हुए. इस शोभायात्रा की शुरूआत महांचक से होकर लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सिढ़ सिवाला में समाप्त हुई. जिसमें सैंकड़ों गाड़ी, रथ, घोड़ा एवं हजारों लोग पैदल यात्रा के साथ शामिल हुए.
इस शोभायात्रा में सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे के साथ गंगा यमुनी तहजीब का मिशाल उस समय देखने को मिला जब शोभायात्रा डिहुरी गांव पहुंची. डिहुरी गांव में इस्लाम धर्म को मानने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं और जैसे ही शोभायात्रा उनके गांव के पास पहुंची. उन लोगों ने शोभायात्रा में शामिल धार्मिक श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया और साथ ही सभी श्रद्धालुओं को पानी और शरबत पिलाकर गंगा यमुनी तहजीब का परिचय देते हुए हिंदुस्तान के गौरवपूर्ण संस्कृति को प्रस्तुत किया.
इस शोभायात्रा का आयोजन गोल इन्स्टीट्यूट के फाउण्डर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर विपीन सिंह के द्वारा किया गया. रामनवमी के अवसर पर समस्त मानव समाज को शुभकामना देते हुए अपने संक्षिप्त वक्तव्य में विपिन सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष बनारस के विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा नौ दिन चण्डीपाठ कराने के उपरान्त रामनवमी के अवसर पर आयोजित किया जा रहा यह शोभायात्रा आपसी भाईचारा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
इस शोभायात्रा में सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग शामिल होते हैं और विश्व शांति एवं विश्व कल्याण के लिए मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम का आराधना करते हैं. श्री सिंह ने कहा कि मर्यादा पूरूषोत्तम श्री राम के आदर्श जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्चाई के रास्ते चलकर विपरीत परिस्थिति में भी धैर्य के साथ बुराई से लड़े जिसके अंत में अच्छाई की जीत अवश्य होगी. साथ ही उनके आदर्श जीवन से यह शिक्षा मिलती है कि हमारे माता-पिता के आज्ञा को शिरोधार्य करते हुए आपने प्रत्येक कर्तव्यों का दृढ़तापूर्वक निर्वहन करें.