लाइव सिटीज पटना: बिहार-झारखंड का कुख्यात वांटेड नक्सली अभ्यास भुइयां उर्फ प्रेम भुईयां ने गया पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. उसके ऊपर झारखंड सरकार ने 15 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. जबकि बिहार सरकार ने उसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस को लंबे अरसे से इसकी तलाश थी. नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में आने पर अधिकारियों ने प्रेम भुईंया का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया.
प्रेम भुइयां भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी का सदस्य है. पुलिस को लंबे अरसे से इसकी तलाश थी. नक्सली प्रेम भुइयां ने शहर के रामपुर थाना क्षेत्र स्थित सीआरपीएफ 159 बटालियन के प्रांगण में सीआरपीएफ के कमांडेंट कुमार मयंक एवं गया के एसएसपी आशीष भारती के समक्ष आत्मसमर्पण किया. नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में आने पर अधिकारियों ने प्रेम भुईंया का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया.
इस संबंध में गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि बिहार पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के दबाव में कुख्यात नक्सली प्रेम भुइयां ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण के दरमियान प्रेम भुइयां ने अपने साथ एक रायफल और 925 जिंदा कारतूस समर्पित किया है. उन्होंने बताया कि लगातार नक्सलियों के गढ़ में सिविक एक्शन प्लान के तहत नक्सलियों के परिजनों को मुख्यधारा में जोड़ने की निरंतर कोशिश की जा रही है. इसी के तहत प्रेम भुइयां ने बच्चों और परिवार के लिए हथियार छोड़ने का फैसला किया है.
बता दें कि प्रेम भुइयां झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वर्ष 2003 में ही वह नक्सली संगठन से जुड़ गया था. वर्ष 2015 में उसे रीजनल कमांडर बनाया गया. वह बिहार-झारखंड में दर्जनों लूट, हत्या जैसे कांडों को अंजाम दे चुका है. झारखंड सरकार द्वारा इसके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. वहीं बिहार में भी इसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. कुछ दिन पहले वह सीआरपीएफ जिला पुलिस के संपर्क में आया और उसने आत्मसमर्पण करने की बात कही. प्रेम भुइयां ने बताया कि आत्मसमर्पण करने के बाद उसे सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा.