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तेजस्वी के साथ नीतीश कुमार की डील तो हुई है, ललन सिंह-उपेंद्र कुशवाहा आमने-सामने

लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में अंदरूनी घमासान मचा हुआ है. पार्टी के दो बड़े नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा आमने-सामने आ गए हैं. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को एक बार फिर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है. उन्होंने एक पत्र जारी कर जदयू की कमजोर होती स्थिति और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रवैये पर बड़ा सवाल किया है. 19-20 फरवरी को राज्य भर के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलायी है. जिस पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए कहा कि सब मनगढंत बातें हैं. जिसके बाद एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये कोई मनगढंत कहानी नहीं है.

दरअसल जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर पलटवार करते हुए काह कि तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार की डील तो हुई है. ये कोई मनगढंत कहानी नहीं है. पार्टी के बड़े फोरम पर इस बात की चर्चा क्यों नहीं हुई. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने ये क्यों कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व मे महागठबंधन चलेगा. पार्टी के बड़े फोरम पर इस बात की चर्चा क्यों नहीं हुई. इस बात की चर्चा कुछ लोगों के बीच हुई होगी जहां उपेंद्र कुशवाहा नहीं था. अगर ऐसी बात नहीं तो खुले रूप से बोले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष. इससे पहले ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की ओर से लिखे गये पत्र को ट्वीटर डाल कर उसके साथ लिखा है कि कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना. जद (यू.) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है. ना कोई डील है और ना ही विलय की बात”-यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है.

उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम एक पत्र लिखा है. और बताया है कि आंतरिक कारणों से जदयू रोज व रोज कमजोर होती जा रही है. इस पर चर्चा के लिए उपेंद्र कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को बैठक भी बुलाई है. पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज व रोज कमजोर होती जा रही है. महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उप-चुनावों के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री जी को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं. समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी मैंने अपनी बातें रखी हैं. विगत एक-डेढ महीने से मैंने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनानुदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके. मेरी कोशिश आज भी जारी है. परन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री जी की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है.

उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा है कि मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं, आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं और जिन्होंने बड़े बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान किया है. उन्होंने आगे लिखा है कि साथ ही राजद की और से “एक खास डील” और जद (यू.) का राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं/ कार्यकर्ताओं वरन आम जन मानस को भी झकझोर कर रख दिया है. ऐसी परिस्थिति में हम सबके समक्ष राजनीनिक शुन्यता की स्थिति बनती जा रही है. अतः आज आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम सब मिलकर उक्त विषय पर विमर्श करें. इस हेतु आप से आग्रह है कि अपने साथियों के साथ निम्नलिखित कार्यक्रमानुसार उपस्थित हो कर चर्चा में भाग लेने का कष्ट करेंगे.

कार्यक्रम का विवरण:-

बैठक की तारीख: 19 एवं 20 फरवरी 2023

समय: 11 बजे से, सिन्हा लाइब्रेरी, पटना

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