लाइव सिटीज, पटना: पटना हाईकोर्ट द्वारा बिहार आरक्षण कानून रद्द करने के फैसले के खिलाफ नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नीतीश सरकार ने ECB, OBC, SC, ST का आरक्षण 50 से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया था। अब नीतीश सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बिहार सरकार ने वकील मनीष सिंह के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार ने पिछले साल जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ईबीसी, ओबीसी, दलित और आदिवासी का आरक्षण बढ़ाकर 65 परसेंट कर दिया था। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (सवर्ण) को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को मिलाकर बिहार में नौकरी और दाखिले का कोटा बढ़कर 75 प्रतिशत पर पहुंच गया था।
जिसके बाद कई संगठनों ने हाईकोर्ट में बिहार आरक्षण कानून को चुनौती दी थी। 20 जून को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच ने बिहार आरक्षण कानून को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के खिलाफ बताते हुए रद्द कर दिया है।