लाइव सिटीज पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीते दिनों कहा था कि ना ही उनकी सीएम बनने की इच्छा है और ना ही नीतीश कुमार को पीएम बनने की कोई इच्छा है. तेजस्वी के इस बयान को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच जो भी डील हुई हो, लेकिन तेजस्वी प्रसाद यादव को जमीनी हकीकत का एहसास हो गया है कि न वे अभी सीएम बन सकते हैं, न नीतीश कुमार कभी पीएम बन सकते हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि सीएम-पीएम के सपने देखने वाले चाचा-भतीजा अपने समर्थकों से नारे लगवा कर या पोस्टर-होर्डिंग्स के जरिये अपनी महत्वाकांक्षा प्रकट करते रहे हैं. अब दोनों सफाई देते फिर रहे हैं कि उन्हें बड़े पद पाने की इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2023 में तेजस्वी यादव को कुर्सी सौंपने की बात से पलट चुके हैं और राजद भी अब कोई दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है.
सुशील मोदी ने कहा कि जो तेजस्वी यादव कह रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की जल्दी नहीं है, वही अब पद की इच्छा त्याग कर अचानक संत कैसे हो गए. उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में जब राजद-जदयू अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे होंगे, तब सीएम-पीएम तो बहुत दूर की बात होगी. अच्छी बात है कि तेजस्वी यादव ने इस सच को स्वीकार किया.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस को अलग रख कर फ्रंट बनाने का एलान कर चुके हैं. नीतीश कुमार को न ममता पूछ रही हैं, न केसीआर ने भाव दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृष्य जहाँ नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा को चूर कर रहा है, वहीं बिहार के हालात तेजस्वी यादव के सपनों पर ओला बरसा रहे हैं.