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कटिहार में बोले मंत्री अशोक चौधरी- सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बदलता बिहार, जानें और क्या क्या कहा

लाइव सिटीज, पटना: बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने 19 जून 2025 को कटिहार जिले के बरारी और मनिहारी विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल, संवेदनशील और दूरदर्शी नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल में ग्रामीण कार्य विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं के कार्यारंभ के उपरांत आयोजित किया गया।

अशोक चौधरी ने अपने संबोधन में बिहार की चहुंमुखी प्रगति का उल्लेख करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि यह विकास सिर्फ आंकड़ों की गाथा नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनकेंद्रित विजन, प्रशासनिक प्रतिबद्धता और वित्तीय अनुशासन का प्रतिफल है।

अशोक चौधरी ने कहा कि वर्ष 2005 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की कमान संभाली, तब राज्य जातीय उन्माद और विध्वंस की आग में झुलस रहा था। 118 नरसंहारों से त्रस्त बिहार में विकास दर केवल 2.3% थी और राज्य का वार्षिक बजट मात्र ₹23,000 करोड़ हुआ करता था। लेकिन आज, उन्हीं नीतीश कुमार के सुशासन में बिहार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है। राज्य का वार्षिक बजट ₹3 लाख करोड़ को पार कर गया है और विकास दर 10% तक पहुँच चुकी है, जो कई राज्यों से बेहतर है। गरीबी दर, जो 2005 में 46% थी, अब घटकर केवल 16% रह गई है।

ग्रामीण सड़कों की लंबाई 8,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.17 लाख किलोमीटर हो चुकी है। बिजली जहाँ पहले सिर्फ 22% आबादी तक पहुँचती थी, वहीं आज बिहार 100% विद्युतीकरण वाला राज्य बन चुका है। श्री चौधरी ने कहा कि यह वही बिहार है जहाँ अब हर टोला तक सड़क जाती है, हर गांव रोशन होता है और हर बच्चे के हाथ में किताब होती है। नीतीश कुमार जी की सोच ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाया है। 2005 में जहाँ 10.5% बच्चे स्कूल छोड़ देते थे, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 1% से भी कम हो चुका है। विशेषकर महादलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समुदाय के बच्चों को तालीमी मरकज और टोला सेवकों के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा गया।

बालिका पोशाक योजना और साइकिल योजना जैसी क्रांतिकारी पहलों ने लड़कियों को स्कूल लौटाया और उन्हें आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया। वर्ष 2005 में जहाँ मैट्रिक परीक्षा में मात्र 4 लाख विद्यार्थी सम्मिलित होते थे, आज उनकी संख्या 18 लाख को पार कर चुकी है, जिनमें 8.5 लाख लड़कियाँ हैं। यह नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।

कटिहार जिले के अंतर्गत बरारी और मनिहारी विधान सभा क्षेत्रों में विकास की चर्चा करते हुए मंत्री चौधरी ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन योजना (RRSMP), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष)(MMGSY) के अंतर्गत बरारी और मनिहारी विधानसभा क्षेत्रों में 150-150 करोड़ कुल लगभग 300 करोड़ रुपये की योजनाओं का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया। इन योजनाओं के अंतर्गत दर्जनों संपर्क पथों और उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण होगा, जिससे हजारों लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोज़गार के अवसरों तक पहुँच सुलभ हो जाएगी। उन्होंने नवाबगंज से हरिप्रसाद, सिसिया से नावाडीह, भंगहा से कुशियारी, कटारिया से रेलवे स्टेशन, दिलारपुर घाट, गोगाबिल झील तक पहुँचने वाली कनेक्टिविटी की विस्तारपूर्वक चर्चा की।

अशोक चौधरी ने यह भी बताया कि कृषि क्षेत्र में भी बिहार ने ऐतिहासिक कार्य किए हैं। खाद्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ राज्य को अब तक 5 ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ मिल चुके हैं। उद्योग क्षेत्र में उद्यमियों की संख्या में 300% की वृद्धि दर्ज हुई है। उन्होंने समाज कल्याण के आंकड़ों को साझा करते हुए कहा कि जहाँ 2004-05 में समाज कल्याण विभाग का कुल बजट केवल ₹40.48 करोड़ था, वहीं आज अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग का बजट ₹1935 करोड़ और पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट ₹1878.53 करोड़ हो गया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट जो 2005 में मात्र ₹3.53 करोड़ था, अब बढ़कर ₹800 करोड़ के पार हो चुका है।

अपने संबोधन के अंत में मंत्री चौधरी ने जनता से अपील किया कि वे विकास, सुशासन और सामाजिक न्याय के नाम पर वोट करें — और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि यह बिहार अब केवल इतिहास की बातें नहीं करता, बल्कि भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। नीतीश कुमार का नेतृत्व ही बिहार की सबसे बड़ी पूंजी है*।

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