लाइव सिटीज, सीवान: यह वही बिहार है जिसने मौर्य काल में संपूर्ण भारत पर शासन किया था — जिसकी सीमाएँ बांग्लादेश से लेकर अफ़गानिस्तान तक विस्तृत थीं। यह वही धरती है जिसने पूरी दुनिया को नेतृत्व, ज्ञान और नीति का मार्ग दिखाया था। बिहार के लोगों में सदैव अद्भुत कौशल, बुद्धि और साहस रहा है। लेकिन दुर्भाग्यवश, 2005 से पहले निजी स्वार्थ, जातिवाद की संकीर्ण राजनीति और सांप्रदायिक उन्माद ने इसी गौरवशाली भूमि को अराजकता की आग में झोंक दिया। बिहार की पहचान धुंधलाने लगी थी, और राज्य अपने स्वाभिमान से दूर होता जा रहा था। ऐसे समय में, वर्ष 2005 में, जब बिहार की जनता ने माननीय नेता को अपने अपार प्रेम, आशीर्वाद और विश्वास के साथ प्रदेश की बागडोर सौंपी — तभी से एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह सिर्फ़ सत्ता का परिवर्तन नहीं था, यह बिहार की अस्मिता, स्वाभिमान और संभावना की पुनर्स्थापना का संकल्प था।” उक्त बातें सीवान जिले में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सड़कों एवं पुलों की स्वीकृति एवं निर्माण कार्यों को लेकर आज आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने कही।
इस दौरान सीवान जाने के क्रम में वरिष्ठ जेडीयू नेता सह पूर्व विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह द्वारा मंत्री अशोक चौधरी का भव्य स्वागत किया गया। इसी क्रम में अशोक चौधरी ने विधायक देवेशकांत सिंह एवं राज्य नागरिक परिषद के महासचिव छोटू सिंह जी के साथ बसंतपुर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
सीवान ज़िले के जनसंवाद में अपने संबोधन में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पिछले दो दशकों में माननीय नेता ने बिहार को उसके गौरवशाली अतीत से जोड़ते हुए आधुनिक विकास के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि राज्य के लोगों की प्रतिभा को पहचान मिले, उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया जाए और बिहार को एक समावेशी, सशक्त और तेज़ी से विकसित राज्य के रूप में पुनः स्थापित किया जाए। योजनाओं की परिकल्पना से लेकर उनकी प्रभावी क्रियान्वयन तक — माननीय नेता नीतीश कुमार का नेतृत्व हर दिन, हर क्षण जनकल्याण और बिहार की प्रगति के लिए समर्पित रहा है।
चौधरी ने कहा कि जब वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की कमान संभाली थी, तब राज्य जातीय उन्माद, अराजकता और हिंसा से झुलस रहा था। 118 नरसंहारों के साये में सिसकता बिहार महज़ 2.3% की विकास दर और ₹23,000 करोड़ के सीमित वार्षिक बजट में सिमटा हुआ था। लेकिन आज बिहार आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ चुका है। राज्य का वार्षिक बजट ₹3.17 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।
नीतीश कुमार जी की दूरदर्शी सोच ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का साधन बनाया है। वर्ष 2005 में जहाँ 10.5% बच्चे स्कूल छोड़ देते थे, आज यह आंकड़ा घटकर 1% से भी कम हो चुका है। विशेषकर महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़े वर्ग के बच्चों को तालीमी मरकज़ और टोला सेवक के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा गया। बालिका पोशाक योजना और साइकिल योजना जैसी क्रांतिकारी पहलों ने लाखों बच्चियों को स्कूल लौटाया और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। वर्ष 2005 में जहाँ मैट्रिक परीक्षा में मात्र 4 लाख विद्यार्थी सम्मिलित होते थे, आज यह संख्या 18 लाख को पार कर चुकी है, जिनमें 8.5 लाख बेटियाँ हैं — यह नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। साथ ही आगे पढने के लिए माननीय नेता ने बिहार की बेटियों को दसवीं पास करने पर दस हज़ार रूपये, बारहवीं पास करने पर पंद्रह हज़ार रूपये तथा स्नातक उत्तीर्ण करने पर पचास हज़ार देने का प्रावधान किया।
जनसंवाद के दौरान चौधरी ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल में कार्यारम्भ किये गए ग्रामीण कार्य विभाग की सीवान जिले की योजनाओं पर चर्चा करते हुए बताया कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ग्रामीण आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में सीवान ज़िले के सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु अभूतपूर्व स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं।
ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के दौरान सीवान ज़िले में कुल 774 सड़कों का निर्माण, मरम्मती, सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसकी कुल लंबाई 1143.25 किलोमीटर है। इन योजनाओं के तहत 30 पुलों का भी निर्माण शामिल है। इस प्रकार कुल ₹1224.64 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने आगे बताया कि इस अवधि में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (RRSMP), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) (MMGSY-अवशेष) के अंतर्गत काम किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025-26 के लिए सीवान ज़िले में प्रस्तावित योजनाओं के अंतर्गत 26 सड़कों, 53.49 किलोमीटर लंबाई और 3 पुलों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी अनुमानित लागत ₹94.78 करोड़ है। इस प्रकार सीवान ज़िले में कुल 800 स्वीकृत एवं प्रस्तावित नयी सडकों के निर्माण तथा पूर्व निर्मित सड़कों की मरम्मती, सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है साथ ही 33 पुलों का निर्माण भी किया जा रहा है जिसकी कुल लागत 1319.27 करोड़ है।
चौधरी ने कहा कि “इन योजनाओं से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर आवागमन सुनिश्चित होगा, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की संवेदनशील सोच और विकास के प्रति प्रतिबद्धता ही बिहार को विकासशील से विकसित राज्य की ओर ले जा रही है। माननीय नेता चाहते हैं कि इस प्रदेश के सभी लोग संरक्षित रहे, सुरक्षित रहे और साथ मिल कर विकास करें। चौधरी ने सभी से अपील की कि नीतीश कुमार के हाथ को मज़बूत करें और इक्कीसवीं सदी के बिहार के निर्माण में अपनी भागीदारी दें।
इस कार्यक्रम में मंत्री अशोक चौधरी के साथ कैबिनेट में सहयोगी मंत्री स्वास्थ्य विभाग, मंगल पांडेय, दरौंदा विधायक कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास, गोरियाकोठी विधायक देवेशकांत सिंह , बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविंद कुमार उर्फ छोटू सिंह, जदयू नेता पूर्व विधायक डॉ अजय कुमार सिंह जी सहित विभागीय अधिकारी एवं हजारों की संख्या में स्थानीय जनता की उपस्थिति रही ।